Google के खिलाफ NBDA शिकायत पर एक और जांच, पक्षपाती रवैया पड़ सकता भारी
इन सभी शिकायतों का सार यही है कि गूगल अपनी प्रभुत्व वाली स्थिति का दुरुपयोग कर ऐसे नियम और शर्तों को लागू कर रहा है, जो कमाई के मामले में एकतरफा उसका पक्ष लेती हैं.
highlights
- भारतीय प्रकाशकों और मीडिया हाउस से कंटेंट के भुगतान पर पक्षपाती रवैया
- कई अन्य देशों में इसी सेवा के बदले गूगल कर रहा है भारी-भरकम भुगतान
- अब सीसीआई ने पहले और हालिया शिकायत पर डीजी से जांच करने को कहा
नई दिल्ली:
भारत में समाचार कंटेंट के एवज में भुगतान को लेकर पक्षपाती रवैया वैश्विक तकनीकी दिग्गज गूगल पर आने वाले समय में भारी पड़ सकता है. न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) की हालिया शिकायत को आधार बनाते हुए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने संस्था के महानिदेशक को जांच करने का आदेश दिया है. साथ ही समाचार कंटेंट को लेकर पहले दर्ज कराई गई दो शिकायतों को भी इसमें शामिल करने को कहा है, क्योंकि उनमें भी गूगल पर समान आरोप लगाए गए थे. सीसीआई ने महानिदेशक से सभी मामलों में एक 'कंसॉलिडेटेड' जांच रिपोर्ट देने को कहा है. गौरतलब है कि जनवरी 2022 में डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन और फिर इंडियन न्यूज पेपर सोसाइटी ने सीसीआई में गूगल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर भी जांच के आदेश दिए गए थे. इन सभी शिकायतों का सार यही है कि गूगल अपनी प्रभुत्व वाली स्थिति का दुरुपयोग कर ऐसे नियम और शर्तों को लागू कर रहा है, जो कमाई के मामले में एकतरफा उसका पक्ष लेती हैं.
गूगल पर कंटेंट के एवज में भुगतान नहीं करने का आरोप
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गूगल के खिलाफ ये शिकायतें कंटेंट से होने वाली कमाई को लेकर की गई हैं. गूगल कई देशों में स्थानीय मीडिया से समाचार या कंटेट हासिल करने के एवज में उन्हें अच्छी-खासी रकम देता है, जबकि वह भारत में ऐसा नहीं कर रहा है. उलटे गूगल के सर्च इंजन रिजल्ट पेज (एसईआरपी) में वेबलिंक्स को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर करता है. इसके बावजूद गूगल एनबीडीए के सदस्यों को कोई भुगतान नहीं करता है. इस तरह गूगल भारतीय मीडिया से मुफ्त में समाचार हासिल कर अपने लिए इस्तेमाल कर रहा है, जबकि भारत से इतर कई देशों को इसी सेवा के बदले वह अच्छा-खासा भुगतान कर रहा है. इसी कारण भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) की ओर से अल्फाबेट इंकॉर्पोरेशन, गूगल एलएलसी, गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गूगल आयरलैंड लिमिटेड और गूगल एशिया पैसिफिक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दायर की गई शिकायत को जांच के योग्य पाकर महानिदेशक को जांच के आदेश दिए हैं.
गूगल कंटेंट से खुद कर रहा जबर्दस्त कमाई
गौरतलब है कि एनबीडीए ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि गूगल ने सर्च इंजन पर सदस्यों की निर्भरता का भी दुरुपयोग किया है. गूगल ने सर्च इंजन पर रेफरल ट्रैफिक से अपना दायरा बढ़ाते हुए गूगल समाचार, गूगल डिस्कवर और गूगल एक्सीलेरेटेड मोबाइल पेज (एएमपी) जैसी सेवाएं शुरू कर दी हैं. गूगल इस तरह निजी आर्थिक लाभ के लिए एनबीडीए के सदस्यों द्वारा तैयार कंटेंट और सूचनाओं का उपयोग कर रहा है. एनबीडीए के मुताबिक, 'गूगल सर्च में 'स्निपेट्स' को भी शामिल किया गया है. स्निपेट्स भारत की विभिन्न समाचार एजेंसियों, मीडिया संस्थाओं से प्राप्त कंटेंट को छोटे शीर्षक के साथ प्रस्तुत करता है. यह भी गूगल की ऐसी सुविधा का एक उदाहरण भर है, जो सदस्यों की कमाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है.' एनबीडीए का कहना है कि टेक दिग्गज की प्रमुख स्थिति के कारण सदस्यों के पास गूगल के साथ कोई समझौता करते समय बातचीत या सौदेबाजी का विकल्प ही नहीं रहता है.
गूगल ने अपने ढंग का दिया स्पष्टीकरण
हालांकि गूगल इन शिकायतों का अपने ही ढंग से स्पष्टीकरण दे रहा है. गूगल के प्रवक्ता के मुताबिक कंपनी जांच में सहयोग कर रही है. साथ ही जांच में यह भी बताएगी कि वह भारतीय पब्लिशर्स के साथ कैसे काम कर रही है. गूगल का कहना है कि वह विज्ञापनों और सदस्यता सेवाओं के जरिये भारतीय प्रकाशकों को अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद कर रहा है. साथ ही उनकी साइटों पर ट्रैफिक ला पाठकों की संख्या बढ़ा रहा है. गूगल का कहना है कि वह इस तरह आम पाठकों को प्रासंगिक और लाभकारी जानकारियां और सूचनाएं प्रदान कर रहा है.