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होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, करें रीति-रिवाज से पूजन

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 28 मार्च को सूर्यास्त शाम 6:51 बजे से लेकर रात 9.12 बजे तक है.

News Nation Bureau
| Edited By :
27 Mar 2021, 03:17:48 PM (IST)

highlights

  • 28 मार्च को सुबह 3.27 बजे से पूर्णिमा तिथि लग रही
  • 28 और 29 मार्च की मध्य रात्रि 12.17 बजे समाप्त हो रही
  • शुभ मुहूर्त सूर्यास्त शाम 6:51 बजे से रात 9.12 बजे तक

नई दिल्ली:

रंगों का त्योहार होली (Holi) अब अपने शबाब पर पहुंचने वाला है. रविवार को होलिका दहन के साथ रंगों की फुहारों का जोर शुरू हो जाएगा. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) काल की वजह से तमाम तरह के प्रतिबंधों के साथ होली खेली जाएगी. गौरतलब है कि फाल्गुन (Falgun) मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है. इस बार होलिका दहन (Holika Dahan) 28 मार्च और इसके दूसरे दिन सोमवार यानी 29 मार्च को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को रंगों वाली होली खेली जाएगी. इस बार सोमवार को रंगों वाली होली है, लेकिन राज्य में कोरोना वायरस के प्रकोप ने विघ्न डाल दिया है. इसीलिए सभी लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है. होली जहां एक ओर पौराणिक और धार्मिक त्योहार है, वहीं यह रंगों का सामाजिक त्योहार भी है. यह नफरत और अहम को दूर कर एक रंग में रंगने का त्योहार है. यह पर्व आपको आपसी बैर-भाव भुलाकर रिश्तों में रंग भरने का अवसर देता है।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
इस बार 28 मार्च को सुबह 3.27 बजे से पूर्णिमा तिथि लग रही है और यह 28 और 29 मार्च की मध्य रात्रि 12.17 बजे समाप्त हो रही है. इसीलिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 28 मार्च को सूर्यास्त शाम 6:51 बजे से लेकर रात 9.12 बजे तक है.
होलिका दहन शुभ मुहूर्त : शाम 6.51 बजे से रात 9.12 बजे तक
होलिका दहन की समय अवधि: 2 घंटे 21 मिनट

ऐसे करें पूजन
फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को सुबह नहाकर होलिका व्रत का संकल्प करें. दोपहर में होलिका दहन स्थान को पवित्र जल से शुद्ध कर लें. उसमें लकड़ी, सूखे उपले और सूखे कांटे डालें. शाम के समय उसकी पूजा करें. होलिका के पास और किसी मंदिर में दीपक जलाएं. होलिका में कपूर भी डालना चाहिए. इससे होली जलते समय कपूर का धुआं वातावरण की पवित्रता बढ़ता है. शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को एक-एक कर होलिका को अर्पित करें. होलिका दहन के समय परिवार के सभी सदस्यों को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करनी चाहिए. इसके बाद घर से लाए हुए जौ, गेहूं, चने की बालों को होली की ज्वाला में डाल दें. होली की अग्नि और भस्म लेकर घर आएं और पूजा वाली जगह रखें.

होली के दिन इससे बचें

  • होलिका दहन और दूसरे दिन घर में क्लेश से बचें.
  • परिवार में प्रेम और शांति बनाए रखनी चाहिए. यह पर्व सपरिवार हर्षोल्लास से मनाना चाहिए.
  • नशीली चीजों के सेवन से बचें. नशे की वजह से व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती है. ऐसी स्थिति में कई बार वाद-विवाद हो जाते हैं, जिससे परेशानियां बढ़ सकती हैं.
  • माता-पिता का आशीर्वाद लेकर दिन की शुरुआत करें. वृद्ध लोगों का अनादर न करें. अपनी वजह से माता-पिता या कोई अन्य बुजुर्ग उदास न हो, इसका ख्याल रखें.