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Sawan 2022 Second Somwar: सावन के दूसरे सोमवार पर प्रदोष व्रत की दिव्य छाया, इन शुभ योगों में किया गया काम दिलाएगा जीत

Sawan 2022 Second Somwar: सावन महीने का दूसरा सोमवार 25 जुलाई को है. इस दिन प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत भी भगवान शंकर को समर्पित माना गया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
23 Jul 2022, 10:53:11 AM (IST)

नई दिल्ली :

Sawan 2022 Second Somwar: सावन महीने का दूसरा सोमवार 25 जुलाई को है. इस दिन प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत भी भगवान शंकर को समर्पित माना गया है. इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि के साथ धुव्र योग बन रहा है. ज्योतिष के अनुसार, सर्वार्थसिद्धि व अमृत सिद्धि योग में किए गए कार्यों का फल शीघ्र मिलता है. इस योग में पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव व माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होगा. सावन के दूसरे सोमवार को संध्या काल में त्रयोदशी लग जाने से इस दिन सोम प्रदोष व्रत हो गया है.

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प्रदोष व्रत भी भगवान शिव की कृपा पाने के लिए किया जाता है. इनमें भी कृष्ण पक्ष का प्रदोष विशेष महत्व रखता है. सोमवार के साथ प्रदोष व्रत होने से सावन का दूसरा सोमवार शिव भक्तों के लिए शिव की खास कृपा लेकर आया है. कहते हैं इस शुभ संयोग में शिवजी का अभिषेक सभी मनोरथों खास तौर पर संतान सुख की इच्छा रखने वालों के लिए काफी फलदायी होता है. 

साथ ही जो लोग सोमवार के साथ प्रदोष व्रत का भी लाभ लेना चाहते हैं उन्हें संध्या के समय सूर्यास्त से पहले भगवान शिव का पंचामृत यानी दूध, घी, गंगाजल, शहद और दही से अभिषेक करना चाहिए. यदि परिवार में स्वास्थ्य समस्याओं चल रही हैं तो दूध और गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए.

शिव पुराण के अनुसार यह अभिषेक भक्तों के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है. जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही है उनको दूध में काले तिल मिलाकर अभिषेक करना चाहिए.

सर्वार्थ सिद्धि योग में सावन का दूसरा सोमवार
सावन के दूसरे सोमवार पर दूसरा शुभ संयोग यह है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना है जो सूर्योदय से मध्यरात्रि तक रहेगा. यानी इस अवधि में आप कोई भी शुभ कार्य करेंगे तो आपको उसका शुभ फल प्राप्त होगा. आप अपनी मनोकामना के साथ भगवान शिव की पूजा करेंगे तो शिवजी भी आपकी जरूर सुनेंगे.

सावन सोमवार पर अमृत सिद्धि योग
तीसरा उत्तम संयोग यह है कि इस दिन अमृत सिद्धि योग भी बना है. इस योग में गंगा स्नान, शिवजी और विष्णुजी की पूजा अमृत के समान फलदायी होती है. इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. इस शुभ योग के बारे में कहा गया है कि इस योग में जो पुण्यदायक काम हैं उन्हें करने से अमृत तुल्य लाभ मिलता है. इसलिए इस योग में दान, योग, ध्यान, मंत्र सिद्धि का प्रयास करना चाहिए. यह शुभ योग भी सूर्योदय से मध्यरात्रि  तक रहेगा.