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सावन का पहला सोमवार कल, प्रशासन ने की है ये तैयारी

कल सावन का पहला सोमवार है. इस पवित्र माह में बासुकीनाथ धाम में जलार्पण करने वाले कांवड़ियों की भीड़ बढ़ने की ज्यादा उम्मीद है. पैदल कांवड़ियों के साथ डाक कावड़िया भी जलार्पण करने बासुकीनाथ धाम पहुचेंगे.

21 Jul 2019, 08:39:52 PM (IST)

रांची:

कल सावन का पहला सोमवार है. इस पवित्र माह में बासुकीनाथ धाम में जलार्पण करने वाले कांवड़ियों की भीड़ बढ़ने की ज्यादा उम्मीद है. पैदल कांवड़ियों के साथ डाक कावड़िया भी जलार्पण करने बासुकीनाथ धाम पहुचेंगे. खास कर सोमवार का दिन कावड़ियों के लिए विशेष महत्व रखता है.

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इसलिए शिव भक्त श्रद्धालु बिहार के सुल्तानगंज से कावड़ में गंगाजल लेकर105 किमी पैदल चलकर देवघर फिर फौजदारी बाबा बासुकीनाथ में जलार्पण करने पहुँचते हैं. वहीं दूसरी तरफ डाकबम भागलपुर के बरारी घाट से गंगाजल लेकर हंसडीहा होते हुए 24 घंटे के भीतर बासुकीनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग में जलार्पण करने भारी संख्या में पहुँचते हैं.

इसके अलावा स्थानीय शिवभक्त श्रद्धालु भी इस पवित्र माह में अपने मनवांक्षित फल की प्राप्ति हेतु जलार्पण करने बासुकीनाथ धाम पहुचेंगे.कल प्रशासन के लिए भी पहला सोमवार सबसे बड़ी चुनौती है. इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह तैयार है. भीड़ को देखते हुये सोमवार और मंगलवार को अर्धा सिस्टम लागू किया गया है.

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साथ ही अलग अलग जलार्पण काउंटर बनाये गए जिसमे गर्वगृह का लाइव स्क्रीन लगा हुआ है. कांवरिया अपने जल को शिवलिंग में जल को अर्पित कर देख सकते है. कांवरियों के विशेष ख्याल रखते हुए जिला प्रशासन ने अस्थायी स्वास्थ्य शिविर, एम्बुलेंस, ठहरने के लिए टेंट सिटी, शौचालय और स्नान की बेहतर सुविधा मुहैया करा रही है.

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साथ ही सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारी संख्या में फोर्स की तैनाती मैजिस्ट्रेट के साथ की गई है. 350 सीसी टीवी और ड्रोन कैमरे के जरिए भी गर्वगृह से लेकर मेले तक प्रशासन नजर रखेगा. शिवगंगा में स्नान करने वाले कांवरियों के सुरक्षा के लिये एनडीआरएफ की टीम एवं गोताखोरों को लगाया गया है ताकि किसी भी अनहोनी घटना से रक्षा की जा सके.

इधर सोमवार को देखते हुए खुद जिले के पदाधिकारी मंदिर में तैनात रहकर मोर्चा संभालेंगे ताकि किसी प्रकार से कोई समस्या ना हो और कांवरिया शांति पूर्वक जलार्पण कर सकें. इधर आज खुद सूबे के समाज कल्याण मंत्री ने सोमवार को देखते हुए मंदिर और मेले के साथ कांवरियों के लिए किये गये प्रशासनिक व्यवस्था का निरीक्षण किया. जलार्पण करने वाले कावरियों से व्यवस्था के विषय मे जानकारी ली.