Ramadan 2020: इस दिन से रोजा शुरू, जानें सहरी और इफ्तार की टाइमिंग, यहां है पूरी लिस्ट
रोजा रखने और खोलने का निश्चित समय होता है. सुबह में रोजा सहरी के साथ शुरू होता है. वहीं इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है.
नई दिल्ली:
इस्लाम में रमजान का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है. इस महीने में रोजे रखने का बहुत अधिक महत्व होता है. 7 साल की उम्र से हर सेहतमंद मुसलमान रोजा रखना शुरू करते हैं. रमजान के पूरे एक महीने तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखते हैं. रोजा रखने और खोलने का निश्चित समय होता है. सुबह में रोजा सहरी के साथ शुरू होता है. वहीं इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है. रमजान में रोजे रखने से मतलब सिर्फ खाने, पीने की चीजों से दूर रहना नहीं, बल्कि रोजा रखने के बाद व्यक्ति को गलत कामों से भी बचना चाहिए. रोजे में व्यक्ति को न तो गलत बोलना चाहिए और न ही सुनना. देखें सहरी और इफ्तार की टाइमिंग की पूरी लिस्ट :-
Date | Sehri | Iftar |
22 April | 04:25 | 18:54 |
23 April | 04:23 | 18:54 |
25 April | 04:21 | 18:55 |
26 April | 04:20 | 18:56 |
27 April | 04:19 | 18:57 |
28 April | 04:18 | 18:57 |
29 April | 04:16 | 18:58 |
30 April | 04:15 | 18:58 |
01 May | 04:14 | 18:59 |
02 May | 04:13 | 19:00 |
03 May | 04:12 | 19:00 |
04 May | 04:11 | 19:01 |
05 May | 04:10 | 19:01 |
06 May | 04:09 | 19:02 |
07 May | 04:08 | 19:03 |
08 May | 04:07 | 19:03 |
09 May | 04:06 | 19:04 |
10 May | 04:05 | 19:04 |
11 May | 04:04 | 19:05 |
12 May | 04:04 | 19:06 |
13 May | 04:03 | 19:06 |
14 May | 04:02 | 19:07 |
15 May | 04:01 | 19:08 |
16 May | 04:00 | 19:08 |
17 May | 03:59 | 19:09 |
18 May | 03:59 | 19:09 |
19 May | 03:58 | 19:10 |
20 May | 03:57 | 19:11 |
21 May | 03:57 | 19:11 |
रोजे के दौरान सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का ही नियम नहीं है, बल्कि आंख, कान और जीभ का भी रोज़ा रखा जाता है यानि न बुरा देखें, न बुरा सुनें और न ही बुरा कहें. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके द्वारा बोली गई बातों से किसी की भावनाएं आहत न हों. रमजान के महीने में कुरान पढ़ने का अलग ही महत्व होता है. हर दिन की नमाज के अलावा रमजान में रात के वक्त एक विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं. आइए, जानते हैं, कब से शुरू हो रहा है यह पावन महीना और क्यों यह त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण माह होता है.