Pitru Paksha 2022 Child Born During Shraddh Days: पितृ पक्ष में जन्में बच्चे के जरिए लौट आती है आत्मा, दिखने लगता है ऐसा असर
Pitru Paksha 2022 Child Born During Shraddh: पितृ पक्ष के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं होता है लेकिन माना जाता है कि अगर इस अवधि में किसी बच्चे का जन्म हो जाए तो वह बालक एक विशेष ऊर्जा का स्वामी होता है और उसका भाग्य भी तीव्र परिणाम दिखाता है.
नई दिल्ली :
Pitru Paksha 2022 Child Born During Shraddh: सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, साल में पितृ पक्ष के 15 दिन ऐसे आते हैं, जब पूर्वजों की आत्माएं अपने परिवार से मिलने और आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर विचरण करती हैं. इन 15 दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. इस अवधि में किसी भी तरह के शुभ कार्य किए जाने की मनाही होती है. लेकिन इस अवधि में किसी बच्चे का जन्म हो जाए तो वह बालक एक विशेष ऊर्जा का स्वामी होता है. ज्योतिष शास्त्र में इस बात का विस्तृत उल्लेख मिलता है कि श्राद्ध के दिनों में जन्में बच्चे का भाग्य कैसा होता है उसका परिवार के अन्य सदस्यों पर कैसा प्रभाव पड़ता है. तो चलिए जानते हैं.
- मान्यता है कि पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे (Child Born in Pitru Paksha) कुटुंब के ही दिवंगत पूर्वज होते हैं, जो किसी खास प्रयोजन से फिर से परिवार में जन्म लेते हैं. कहा जाता है कि श्राद्ध के दौरान पैदा हुए बच्चे बहुत रचनात्मक होते हैं और वे आगे चलकर परिवार का नाम रोशन करते हैं. ऐसे बच्चे बुद्धि और कौशल के मामले में बहुत मेधावी माने जाते हैं.
- शास्त्रों के मुताबिक, पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे सौभाग्यशाली माने जाते हैं. मान्यता है कि इन 15 दिनों की अवधि में जन्म लेने वाले बच्चों पर पितरों की विशेष कृपा होती है. ऐसे बच्चे जिंदगी में आगे चलकर हर परीक्षा में कामयाब होते हैं. श्राद्ध पक्ष में उनका जन्म लेना काफी शुभ माना जाता है.
- कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान जन्म लेने वाले बच्चे अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तुलना में ज्यादा समझदार होते हैं. वे बहुत जल्दी हर बात सीखते हैं. उन्हें कम उम्र में ही अपनी जिम्मेदारी का बोध हो जाता है. उनके पास ज्ञान का अथाह भंडार होता है. वे परोपकार और दया की प्रतिमूर्ति होते हैं.
- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों को अपने परिवार से बहुत लगाव होता है. वे परिवार के मान-सम्मान को समझते हैं और अपने व्यवहार से हर जगह परिवार का मान बढ़ाते हैं. अपने व्यवहार और ज्ञान से वे समाज में यश प्राप्त करते हैं.