केरल के प्राचीन केतु मंदिर में होता है चमत्कार, दूध अर्पित करते ही बदल जाता है रंग
इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि मंदिर में दूध चढ़ाने से उसका रंग बदलकर नीला हो जाता है. इस मंदिर को लेकर यह रहस्य काफी प्रचलित है.
नई दिल्ली:
Ketu Temple In Kerala: भारत सदैव आस्था और श्रद्धा का प्रतीक रहा है. यहां पर मंदिरों का इतिहास काफी पुराना है. भारत में हर प्राचीन मंदिर का कोई न कोई इतिहास रहा है, इसे देखने और दर्शन के लिए भक्तों की लाइन लगी रहती है. वहीं, कुछ ऐसे मंदिर हैं, जहां रहस्यमयी घटना लोगों को हैरत में डाल देती है. कई प्राचीन मंदिरों के बारे में ऐसा बताया जाता है कि इन्हें खुद देवताओं ने बनाया है. बैद्यनाश शिव मंदिर भी इन्हीं में से एक मंदिर है.
गौरतलब है कि बैद्यनाथ शिव मंदिर झारखण्ड राज्य में है, कहते है कि इसे खुद विश्वकर्मा भगवान ने बनवाया था. इसी प्रकार का एक मंदिर केरल में स्थित है. यह मंदिर केतु देव को समर्पित है. दरअसल, इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि मंदिर में दूध चढ़ाने से उसका रंग बदलकर नीला हो जाता है. इस मंदिर को लेकर यह रहस्य काफी प्रचलित है.
केरल का केतु मंदिर (Kerala Ketu Temple)
केरल में कावेरी नदी के किनारे यह मंदिर कीजापेरुमपल्लम गांव में स्थित है. इस मंदिर को नागनाथस्वामी या केति स्थल के नाम से जाना जाता है. केतु मंदिर के मुख्य देव भगवान शिव हैं. हालांकि, यहां राहु और केतु की प्रतिमा भी स्थापित होती है. यहां राहु देव को दूध चढ़ाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि केतु दोष से पीड़ित लोग जब राहु देव को दूध चढ़ाते हैं तो वह नीला हो जाता है.
पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि के श्राप से मुक्ति पाने को लेकर केतु ने इस मंदिर में भगवान शिव की अराधना की थी. मान्यता के अनुसार शिवरात्रि के दिन केतु को भगवान शिव ने दर्शन दिए थे. इसके साथ ही केतु को श्राप से भी मुक्त किया था. केतु को सांपों का देवता कहा जाता है क्योंकि उसका सिर इंसान का और धड़ सांप का है. ज्योतिष के अनुसार नौ ग्रहों में राहु और केतु को भी रखा गया है.