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घर में अखंड ज्योति जलाने से बरसती है मां भगवती की कृपा, लेकिन बरतें ये सावधानियां

अक्सर आप कुछ घर और मंदिरों में एक दिया हमेशा जलता हुआ देखते होंगे, असल में इसे अखंड ज्योति कहा जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार जलना घर, परिवार आस-पास के माहौल के लिए काफी शुभ माना जाता है.

04 Dec 2019, 01:43:48 PM (IST)

नई दिल्ली:

अक्सर आप कुछ घर और मंदिरों में एक दिया हमेशा जलता हुआ देखते होंगे, असल में इसे अखंड ज्योति कहा जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार जलना घर, परिवार आस-पास के माहौल के लिए काफी शुभ माना जाता है. अक्सर ये अखंड ज्योत ज्यादारतर नवरात्रि के समय ही देवी मां के सामने पूरे नौं दिन जलाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इससे दुर्गा जी की कृपा जल्द मिलती हैं और मां की कृपा हमेशा बरसती रहती हैं. तो आज हम आपको अखंड ज्योति जलाने के फायदे और मायने बताने जा रहे है साथ इसके प्रति बरतने वाली सावधानियों का भी जिक्र करेंगे.

1. अंखड ज्योति जलाने से घर और घर के लोगों पर हमेशा से मां की कृपा बनी रहती हैं. नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से पूजा स्थल पर कभी भी अनाप-शनाप चीजों का साया नहीं पड़ता है.

2. शुद्ध घी की ज्योति जलाने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. इस वजह से घर में हो रहे लड़ाई झगड़े और बीमारियों में कमी आती है.

3. नवरात्रि के दौरान विद्यार्थियों को अखंड ज्योति जलानी चाहिए. इससे उनकी शिक्षा बेहतर होगी और दिमाग पर सकारात्मक असर होगा. वो रोज अखंड ज्योति में घी डालें और नियमित तौर पर पूजा करें तो उनकी बुद्धि पर भी सकारात्मक असर होगा.

4. सरसों के तेल की अखंड ज्योति जलाने से देवी खुश होती हैं और तुरंत सभी काम बनने लगते हैं. ऐसा करने से पितृ भी शांत रहते हैं और घर में समृद्धि आती है.

5. अंखड दीप जलाना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है क्योंकि घी और कपूर की महक से इंसान की श्वास और नर्वस सिस्टम बढ़िया रहता है.

6. अगर आप शनि का कुप्रभाव से बचना चाहते है तो अपने घर में अखंड ज्योति जरुर जलाएं. माता की कृपा से शनिदेव घर के लोगों पर अपनी टेढ़ी दृष्टि हटा लेते है और घर वालों के बिगड़े काम बनने लगते हैं. अगर घर में तिल के तेल की ज्योति जले तो यह ज्यादा प्रभावी होता है.


अखंड ज्योति जलाते वक्त बरतें ये सावधानियां

- अखंड ज्योत में दीपक की लौ भी बहुत मायने रखती है. दीपक की लौ इतनी जलनी चाहिए कि चार उंगल आस पास उसकी लौ की ताप महसूस होनी चाहिए. जितनी ताप होगी उतना ही भाग्योदय होने की संभावना अधिक होगी.

- शास्त्रों के अनुसार जिस समय तक अखंड ज्योति प्रज्वलित रखने का संकल्प लिया है, उससे पहले वह बुझनी नहीं होनी चाहिए. ऐसा होना अशुभ माना जाता है.

- जिस स्थान पर अखंड ज्योति प्रज्वलित कर रहे हैं उसके आस-पास शौचालय या स्नानगृह नहीं होना चाहिए.

- अखंड ज्योति को हवा से बचाने हेतु कांच के गोले में रखा जा सकता है. जिससे ज्योति निरंतर प्रज्वलित रहे.

- नवरात्रि में नौ दिनों तक प्रज्वलित रहने वाली अखंड ज्योति घी/तेल की कमी के कारण बुझनी नहीं चाहिए. इसलिए उसमें पर्याप्त मात्रा में घी/तेल डालते रहे.

- कभी भी दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए. इससे घर परिवार में रोग और तंगहली बढ़ती है. इतना ही नहीं इससे मांगलिक कार्यों में भी बुरा असर पड़ता है.

- संकल्प पूरा होने के बाद भी यदि अखंड ज्योति जल रही है तो उसे फूंक मार कर न बुझाएं, उसे प्रज्वलित रहने दें.