Govardhan Puja: जानें गोवर्द्धन पूजा और अन्नकूट की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2018) मनाया जाता है. यानी आज(गुरुवार) को देश के कई हिस्सों में गोवर्धन पूजा मनाया जा रहा है.
नई दिल्ली:
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2018) मनाया जाता है. यानी आज(गुरुवार) को देश के कई हिस्सों में गोवर्धन पूजा मनाया जा रहा है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष तिथि में गोवर्धनपूजा होती है. इसे 'अन्नकूट' भी कहते हैं. गोवर्धनपूजा के दिन भगवान कृष्ण, गायों और गोवर्द्धन की पूजा की जाती है. इस दिन 56 प्रकार या 108 प्रकार के भोजन से ठाकुर जी को भोग लगाया जाता है.
क्यों मनाया जाता है गोवर्द्धन पूजा-
पुरानी मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने देव राज इंद्र के घमंड को चूर-चूर कर दिया था. कहानी के अनुसार जब कृष्ण ने गांववालों से देव राज इंद्र की पूजा करने से मना कर दिया था तब देव राज इंद्र को गुस्सा आ गया और उन्होंने खूब बारिश की जिसकी वजह से पूरा गोकुल तबाह हो गया तब भगवान कृष्ण ऊंगली पर गोवर्द्धन पर्वत उठाकर लोगों को पहाड़ के नीचे सुरक्षित किया. जिसके बाद देव राज इंद्र का अहंकार टूट गया.
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गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त-
गोवर्धन पूजा का पहला मुहूर्त- सुबह 6:42 से 8:51 तक
गोवर्धन पूजा का दूसरा मुहूर्त- दोपहर 3:18 से शाम 5:27 तक
इस दिन क्या करें और पूजा कैसे करें
-सुबह 5 बजे ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शरीर पर तेल मलकर स्नान करें.
-इसके बाद स्वच्छ कपड़ा पहनकर भगवान को याद करे. इसके बाद घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से पर्वत बनाए या फिर अल्पना बनाए.
-फिर उसे वृक्ष, वृक्ष की शाखा एवं पुष्प इत्यादि से श्रृंगारित करें.
-इसके बाद स्नान कराए, फूल, चंदन चढ़ाकर विधिवत पूजन करें.
- इसके बाद गायों की पूजा करें. फिर गोवर्द्धन पर्वत और गायों को भोग लगाकर आरती उतारें.
अन्नकूट में क्या होता-
घर में 56 प्रकार या फिर 108 प्रकार का भोजन बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाया जाता है. इससे पहले ठाकुर जी की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है इसके बाद थाली में सजाकर भोग लगाया जाता है.