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Basant Panchami 2023: सरस्वती पूजा के दिन बन रहा है शुभ संयोग, मिलेगा दोगुना फल

सनातन धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है.

News Nation Bureau
| Edited By :
17 Jan 2023, 05:36:56 PM (IST)

नई दिल्ली :

Basant Panchami 2023: सनातन धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है. इस दिन विद्या की देवी सरस्वती मां की पूजा-अर्चना की जाती है. हर साल माघ मास के शुक्ल पक्षकी पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा मनाई जाती है. वहीं इस साल खास बात यह है कि, इस साल चार शुभ योग बन रहा है. जिससे वसंत पंचमी और भी खास माना जा रहा है. तो आइए जानते हैं, कि वसंत पंचमी के दिन कौन से चार शुभ योग बन रहा है, सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है. 

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क्या है वसंत पंचमी की शुभ तिथि 
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि दिनांक 25 जनवरी दिन बुधवार को दोपहर 12:34 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 26 जनवरी दिन गुरुवार को सुबह 10:28 मिनट पर होगा. 

सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है ?
दिनांक 26 जनवरी 2023  को वसंत पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:12 मिनट से लेकर दोपहर 12:34 तक रहेगा. इस दिन पूजा के लिए 5 घंटे बेहद शुभ है. 

वसंत पंचमी के दिन बन रहा है चार शुभ योग 
इस साल वसंत पंचमी पर चार शुभ योग बन रहा है, सुबह शिव योग बन रहा है. जो दोपहर 03:29 मिनट तक रहेगा. उसके बाद सिद्ध योग शुरु हो जाएगा, जो पूरे दिन चलेगा. इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहा है, जो शाम 06:57 मिनट से शुरु होगा और अगले दिन सुबह 07:12 तक रहेगा.

क्या है वसंत पंचमी का महत्व 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती प्रकाट्य हुई थी. मां सरस्वती ने ही पूरे संसार को वाणी और ज्ञान प्रदान किया था. इसलिए वसंत पंचमी को मां सरस्वती की जयंती मनाई जाती है. इस दिन सरस्वती मां की पूजा पूरे स्कूलों में, कॉलेजों में की जाती है. 

मां सरस्वती की करें आरती 

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।

सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय…..

बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।
शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ जय…..

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..