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Ashunya Shayan Vrat 2022 Mahatva, Puja Vidhi Aur Mantra: आ रहा है पति द्वारा पत्नी के लिए रखा जाने वाला इकलौता व्रत, यह पूजा विधि और मंत्रों का जाप दिलाएगा पत्नी का अखंड साथ

Ashunya Shayan Vrat 2022 Mahatva, Puja Vidhi Aur Mantra: चातुर्मास के चार महीनों श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितिया को अशून्य शयन व्रत रखा जाता है. पुरूष अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिये यह व्रत करते हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
09 Oct 2022, 10:59:24 AM (IST)

नई दिल्ली :

Ashunya Shayan Vrat 2022 Mahatva, Puja Vidhi Aur Mantra: चातुर्मास के चार महीनों श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितिया को अशून्य शयन व्रत रखा जाता है. जिस प्रकार, स्त्रियां अपने जीवन साथी की लंबी उम्र के लिये करवाचौथ का व्रत करती हैं, ठीक उसी तरह पुरूष अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिये यह व्रत करते हैं. अशून्य शयन द्वितिया का यह व्रत पति-पत्नी के रिश्तों को बेहतर बनाने के लिये रखा जाता है. इस व्रत में लक्ष्मी तथा श्री हरि, यानी विष्णु जी का पूजन करने का विधान है. कहते हैं जो भी इस व्रत को करता है, उसके दाम्पत्य जीवन में कभी दूरी नहीं आती और घर-परिवार में सुख-शांति तथा सौहार्द्र बना रहता है. ऐसे में चलिए जानते हैं अशून्य शयन व्रत के महत्व, पूजा विधि और मंत्र के बारे में. 

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अशून्य शयन द्वितीया व्रत 2022 महत्व (Ashunya Shayan Vrat 2022 Mahatva) 
इस व्रत को करने से पत्नी की आयु लंबी होती है. इसके साथ ही दांपत्य जीवन की समस्याएं दूर होती हैं. वैवाहिक जीवन से नकारात्मकता दूर होती है. पति और पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है. इस व्रत को करने से स्त्री वैधव्य तथा पुरुष विधुर होने के पाप से मुक्त हो जाता है. यह व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला तथा मोक्ष प्रदाता माना जाता है. इस व्रत से गृहस्थ जीवन में शांति बनी रहती है, तथा खुशहाली आती है.

अशून्य शयन द्वितीया व्रत 2022 पूजा विधि (Ashunya Shayan Vrat 2022 Puja Vidhi) 
- क्षीर सागर में लक्ष्मी के समान भगवान विष्णु के शयन करने के समय यह व्रत होता है. 
- कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन करें.
- इसके लिए सबसे पहले व्रत के दिन स्नान आदि करके साफ कपड़ा पहन लें. 
- उसके बाद पूजा स्थल पर जाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का ध्यान करें. 
- ध्यान के पश्चात व्रत और पूजा का संकल्प लें.
- शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु की पूजा करें.
- विष्णुसहस्त्रनाम और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें.  
- पाठ के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती उतारें. 
- भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी को उनके प्रिय फलों का भोग अर्पित करें.  
- इस दिन शाम के समय चन्द्रोदय होने पर अक्षत, दही और फलों से चन्द्रमा को अर्घ्य दें. 
- अर्घ्य देने के बाद रात के समय भगवान को अर्पित फलों को स्वयं खाएं और व्रत पारण करें. 
- अगले दिन यानी तृतीया को ब्राह्मण को भोजन कराते हुए उनका आशीर्वाद लें.
- कोई मीठा या फल दान में देकर व्रत संपन्न करें. 
- ऐसा करने से आपके दांपत्य जीवन में प्रेम और माधुर्य बना रहेगा.

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अशून्य शयन द्वितीया व्रत 2022 मंत्र (Ashunya Shayan Vrat 2022 Mantra)
- मूल मंत्र 
लक्ष्म्या न शून्यं वरद यथा ते शयनं सदा।
शय्या ममाप्य शून्यास्तु तथात्र मधुसूदन।।

- प्रार्थना मंत्र 
श्रीवत्स धारिचरिञ्छ् कान्त श्रीवत्स श्रीपते व्यय।
गार्हस्थ्यं मा प्रनाशं में यातु धर्मार्थकामदं।।
गावश्च मा प्रणस्यन्तु मा प्रणस्यन्तु में जनाः।।
जामयो मा प्रणस्यन्तु मत्तो दाम्पत्यभेदतः।
लक्ष्म्या वियुज्येहं देव न कदाचिद्दाथा भवान।।
तथा कलत्रसम्बन्धो देव मा में व्युजयतां 
लक्ष्म्या न शून्यं वरद यथा ते शयनं सदा।।
शय्या ममाप्यशून्यास्तु तथा तु मधुसूदन।