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भारत में पारसियों की बढ़ती संख्या: सैम मानेकशॉ, जमशेद जी टाटा के साथ देखें इनकी तस्वीरें

News Nation Bureau New Delhi 05 July 2017, 07:09:08 PM
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सैम मानेकशॉ

सैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ का जन्म 03 अप्रैल 1914 को अमृतसर, पंजाब, में हुआ था। उनका उपनाम सैम बहादुर है। व​ह भारतीय सेना के अध्यक्ष थे, जिनके नेतृत्व में भारत ने सन् 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजय प्राप्त की थी, जिसके फलस्वरूप बंगलादेश का जन्म हुआ था।

जमशेद जी टाटा

जमशेदजी टाटा भारत के महान उद्योगपति तथा विश्वप्रसिद्ध औद्योगिक घराने टाटा समूह के संस्थापक थे। उनका जन्म 3 मार्च 1839 में गुजरात के एक छोटे से कस्बे नवसेरी में हुआ था, उनके पिता का नाम नुसीरवानजी व उनकी माता जी का नाम जीवनबाई टाटा था। पारसी पादरियों के अपने खानदान में नुसीरवानजी पहले व्यवसायी थे।

रुस्तमजी होमसजी मोदी

रुस्तमजी होमसजी मोदी टाटा समूह के अग्रणी सदस्य और टाटा इस्पात के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक थे। मोदी का जन्म 17 जून 1918 को बम्बई प्रेसीडेंसी के एक पारसी परिवार में हुआ। उनके पिता सर होमी मोदी उत्तर प्रदेश के गर्वनर थे। मोदी की शिक्षा इंग्लैण्ड के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी हुई।

होमी जहांगीर भाभा

होमी जहांगीर भाभा (30 अक्टूबर, 1909-24 जनवरी, 1966) भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक थे, जिन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी। उन्होंने वैज्ञानिकों की सहायता से मार्च 1944 में नाभिकीय उर्जा पर अनुसन्धान आरम्भ किया। उन्हें 'आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम' भी कहा जाता है। भाभा का जन्म मुम्बई के एक सभ्रांत पारसी परिवार में हुआ था।

मीनू मसानी

मिनोचेर रुस्तम मसानी उर्फ मीनू मसानी (20 नवम्बर 1905 - 27 मई 1998), भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी, राजनेता, पत्रकार, लेखक एवं सांसद थे। वे दूसरे, तीसरे तथा चौथे लोकसभा चुनावों में राजकोट से सांसद चुने गये। वे उदारवादी आर्थिक नीति के पक्षधर थे। उन्होंने 1950 में लोकतांत्रिक शोध संगठन की स्थापना की। इसी संगठन की ओर से 1952 में उदारवादी विचारधारा के लिए मासिक पत्रिका 'फ्रीडम फस्र्ट' का प्रकाशन किया गया।

रतन टाटा

28 दिसंबर 1937 को मुम्बई में जन्में रतन नवल टाटा टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है। इसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी और उनके परिवार की पीढ़ियों ने इसका विस्तार किया था। 1971 में रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया।

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