PICS: क्या जयललिता, एमजीआर की राह पर जाएंगे कमल हासन
दक्षिण भारत की राजनीति में कई ऐसे सितारे हुए हैं, जिन्होंने सिनेमा से सियासत की नई इबारत लिखी है। इस फेहरिस्त में अब एक और नाम जुड़ने जा रहा है, जो अकसर सुर्खियों में छाया रहता है। जी हां, वह कोई और नहीं, बल्कि सुपरस्टार कमल हासन हैं। तमिल 'बिग बॉस' की शूटिंग में बिजी होने के बावजूद कमल हासन की राजनीति में बढ़ती सक्रियता देखकर हर किसी को अंदेशा हो गया है कि वह जल्द राजनीति में अपना डेब्यू कर सकते हैं। बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने के बाद हर किसी ने अटकलें लगाने शुरू कर दी हैं। जयललिता के भ्रष्टाचार मामले में अकसर कमल हासन को निशाना साधते हुए देखा गया है।
खैर, ऐसा पहली बार नहीं है, जब दक्षिण भारत से किसी अभिनेता के नेता बनने की बात सामने आई हो। इससे पहले भी साउथ के कलाकार सिनेमा से सियासत की पारी खेल चुके हैं। एमजीआर साउथ सुपरस्टार एमजीआर ने सिनेमा की उंचाईयों को छूने के साथ ही दक्षिण भारत की राजनीति को एक नया आयाम दिया है। अन्ना द्रमुक के संस्थापक एमजीआर ने वर्ष 1977 से 1987 तक तमिलनाडु की सत्ता में अपना वर्चस्व कायम किया है। इन दस वर्षों में उन्होंने सत्ता के गलियारों में अपनी खास जगह बनाने के साथ ही वहां की जनता का विश्वास जीता।
मुत्तुवेल करुणानिधि तमिल सिनेमा जगत के एक नाटककार और पटकथा लेखक भी हैं। उनके समर्थक उन्हें कलाईनार कला का विद्वान कहकर बुलाते हैं। वह भारतीय राजनेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वे तमिलनाडु राज्य के एक द्रविड़ राजनीतिक दल द्रविड़ मुन्नेत्र कजगम (डीएमके) के प्रमुख हैं। 1969 में डीएमके के संस्थापक सी. एन. अन्नादुरई की मौत के बाद से इसके नेता हैं और पांच बार (1969–71, 1971–76, 1989–91, 1996–2001 और 2006–2011) मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
दिवंगत जे जयललिता दक्षिण भारतीय राजनीति का वो चमकता सितारा, जो जब तक जिंदा रहा अपने करिश्माई व्यक्त्वि की चमक बिखेरता रहा। तमिलनाडु की राजनीति में अन्ना द्रमुक पार्टी में वह तीन बार मुख्यमंत्री की बागडोर संभाल चुकी हैं। हिंदी फिल्म इज्जत के अलावा उन्होंने वेन्निरा आदिय, चिन्नादा गोम्बदे, अनबाई थेड़ी, कुमारी कोट्टम उनकी मुख्य फिल्में रहीं।
एन.टी.रामाराव अभिनेता, फिल्ममेकर, डायरेक्टर, एडिटर और राजनेता होने के साथ ही तीन बार आंध्र प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुए। एनटीआर ने तीन नेशनल फिल्म अवॉर्ड अपने नाम किए हैं। उन्होंने 1970 में Kodalu Diddina Kapuram और 1972 में तेलुगू फिल्म Badi Panthulu के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड अपने नाम किया है।
तेलुगु एवं हिन्दी फिल्मों के अभिनेता चिरंजीवी का वास्तविक नाम है, कोणिदेल शिव शंकर वर प्रसाद। इन्होंने साउथ फिल्में तीन हिन्दी फिल्मों में काम किया है। फिल्मी पारी खेलने के बाद चिरंजीवी ने अपना रुख राजनीति की ओर कर लिया। हालांकि वह इस क्षेत्र में खासा सक्रिय नहीं हैं।
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