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नौकरी दो वर्ना नहीं उतरूंगी पानी की टंकी से... 120 दिनों से चढ़ी है युवती

शिखा ने कहा कि वह शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने को भी तैयार हैं. उन्होंने कहा, 120 दिन हो गए, लेकिन सरकार ने मेरे विरोध का संज्ञान तक नहीं लिया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
16 Dec 2021, 08:16:39 AM (IST)

highlights

  • वाणिज्य में मास्टर्स डिग्री के बावजूद बेरोजगारी से उपजा गुस्सा
  • उत्तर प्रदेश शिक्षा संस्थान में चाहती है टीचर की नौकरी
  • सिर्फ दैनिक नित्यकर्म के लिए ही उतरती है टंकी से 

लखनऊ:

पिछले 120 दिनों से 36 वर्षीय शिखा पाल लखनऊ के निशातगंज इलाके में शिक्षा निदेशालय के पास पानी की टंकी के ऊपर रह रही हैं. उनका लक्ष्य किसी तरह के रिकॉर्ड बनाना नहीं, बल्कि यह एक तरह का विरोध है. शिखा मांग कर रही है कि सरकार उन्हें उन 22,000 सीटों में शामिल करें, जो हाल ही में शिक्षण के 69,000 पदों पर भर्ती के दौरान खाली हुई थीं. शिखा का दावा है कि उसने लखनऊ विश्वविद्यालय से वाणिज्य में मास्टर डिग्री पूरी की है, लेकिन फिर भी नौकरी के लिए संघर्ष करने को मजबूर है.

उसका कहना है कि उसे पानी की टंकी के ऊपर अपने दिन और ठंडी दिसंबर की रातें बिताने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. शिखा ने कहा, 'मैं वॉशरूम का उपयोग करने के अलावा किसी और चीज के लिए अपनी जगह नहीं छोड़ती. टैंक के नीचे प्रदर्शनकारी मुझे एक रस्सी के माध्यम से एक बैग में भोजन और अन्य आवश्यक चीजें देते हैं. मैं एक पावर बैंक का उपयोग करके अपना मोबाइल फोन चार्ज करती हूं. मेरी मां मुझ पर निर्भर है, लेकिन मैं विरोध जारी रख रही हूं.'

शिखा ने कहा कि वह शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने को भी तैयार हैं. उन्होंने कहा, 120 दिन हो गए, लेकिन सरकार ने मेरे विरोध का संज्ञान तक नहीं लिया है. इस बीच स्कूली शिक्षा महानिदेशक अनामिका सिंह ने कहा, 'वे हमसे कई बार मिल चुकी हैं. हमने उन्हें चीजें भी समझाई हैं. यह विरोध करने का तरीका नहीं है. हम उनके प्रति सहानुभूति रखते हैं. हम बातचीत के लिए तैयार हैं.'