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अजगर-कोबरा जैसे जहरीले सांपों से इस शख्स को है बेहद प्यार, गोद में लेकर खेलते हैं

शख्स म्यांमार के यंगून में बौद्ध भिक्षु विलेथा सिकटा हैं. उन्होंने ठुका टेटो मठ में अजगर, वाइपर और कोबरा जैसे खतरनाक सांपों के लिए एक आश्रय स्थल बनाया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
11 Dec 2020, 09:31:12 AM (IST)

म्यांमार:

सांप का नाम सुनते ही लोगों के शरीर में अजीब सी कंपन होने लगती है. अचानक सामने आ जाए तो लोग थरथर कांपने लगते हैं. सांप को धरती पर सबसे खतरनाक जीवों के रूप में जाना जाता है. सांप पालतू जीव तो नहीं है, लेकिन कुछ लोगों को इससे खास लगाव होता है. एक ऐसे ही शख्स के बारे में बता रहे हैं, जिसको सांपों से बहुत लगाव है. सांप के साथ खिलौने जैसे खेलते हैं. सांप भी कोई ऐसे-वैसे नहीं, कोबरा-अजगर के साथ खेलते हैं. गोद में लेकर उसकी सफाई करते हैं. ये शख्स म्यांमार के यंगून में बौद्ध भिक्षु विलेथा सिकटा हैं. उन्होंने ठुका टेटो मठ में अजगर, वाइपर और कोबरा जैसे खतरनाक सांपों के लिए एक आश्रय स्थल बनाया है.

बेहद सराहनीय है प्रयास

बौद्ध भिक्षु विलेथा सिकटा की आयु 69 वर्ष है. उन्होंने इन जहरीले सांपों को बचाने के लिए ऐसा किया है, ताकि इन्हें कोई मारकर काला बाजार में बेच ना दे. विलेथा ने सांपों को शरण देने की शुरूआत उन्होंने पांच साल पहले की थी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी एजेंसियां विलेथा के द्वारा पकड़े गए सांपों को उनसे लेकर जंगल में छोड़ देती है. अपने गमछा से सांपों की सफाई करने वाले विलेथा ने कहा कि वह प्राकृतिक पारिस्थितिक चक्र की रक्षा कर रहे हैं.

 

विलेथा ने कहा कि एक बार जब लोग सांपों को पकड़ लेते हैं तो वे संभवतः एक खरीदार को खोजने की कोशिश करते हैं. विलेथा सांपों को शरण में तब तक रखते हैं, जब तक उन्हें लगता है कि वो जंगल वापस जाने के लिए तैयार नहीं हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट को मानें तो इन भिक्षुओं को सांपों को खिलाने के लिए लगभग 300 अमरीकी डॉलर के लिए दान पर निर्भर रहना पड़ता है.