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शनि को मजबूत करने के लिए करें ये अद्भुत उपाय, पाए दोष से छुटकारा

जैसा की आप सब जानते हैं, ज़िन्दगी को आसान और सरल तरीके से जीने के लिए हर कोई अपने ग्रहों को शांत रखना चाहता हैं. ग्रहों की लिस्ट में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं शनि.

News Nation Bureau
| Edited By :
02 Oct 2021, 06:08:29 PM (IST)

नई दिल्ली :

जैसा की आप सब जानते हैं,  ज़िन्दगी को आसान और सरल तरीके से जीने के लिए हर कोई अपने ग्रहों को शांत रखना चाहता हैं. ग्रहों की लिस्ट में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं शनि. जी हां, ऐसा माना जाता हैं कि शनि एक ऐसा ग्रह हैं जो बिगड़ जाये तो रंक बना देता हैं और सुधर जाए तो मालामाल कर देता हैं. शनिदेव को तीनों लोको के न्याय और दण्ड का देवता माना जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव ने शनि देव की तपस्या से प्रसन्न हो कर उन्हें ये पद प्रदान किया था. इसके अतिरिक्त ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि देव की महादशा, साढ़े साती या ढैय्या जीवन में एक बार प्रत्येक व्यक्ति को जरूर प्रभावित करती है. जिस कारण ही मनुष्य क्या देव और दानव भी शनिदेव से डरते हैं.  जबकि शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुरूप ही फल प्रदान करते हैं.

 

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यहां तक की अच्छे कर्म करने वाले और न्यायी व्यक्ति को शनि देव महादशा में लाभ प्रदान करते है. लेकिन अन्यायी व्यक्ति को या गलत कर्म करने वाले को कभी क्षमा प्रदान नहीं करते हैं. शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनि ग्रह के उपाय किए जाते हैं. कहते हैं कि शनि ग्रह को प्रसन्न करने के उपायों के माध्यम से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है, इसलिए ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि जो लोग शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से परेशान हैं, उन्हें शनि ग्रह के उपाय करने चाहिए. मान्यता है कि शनिदेव के उपाय बहुत प्रभावशाली होते हैं, इसलिए इनका असर बहुत मिलने लगता है.

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आइए जानते हैं कौन से है वो कर्म जिन्हें शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए कभी नहीं करना चाहिए.

 

 1-शनि देव दुर्बल और दीन-हीन के सदा सहयोगी हैं. इसलिए कभी दुर्बल, असहाय और गरीब व्यक्ति को नहीं सताना चाहिए.  ऐसे लोगों को शनिदेव की वक्र दृष्टी से कोई नहीं बचा सकता.  

 

2- शराब पीने वाले या किसी भी प्रकार का नशा करने वाले व्यक्ति से भी शनि देव कभी प्रसन्न नहीं होते. ऐसे लोगों को शनि की महादशा में बड़ी दिक्कत और परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 

 

3- जुआं और सट्टा खेलने वाले व्यक्ति पर भी शनिदेव की दृष्टी वक्र ही बनी रहती है. उन्हें कभी भी शनि देव के दण्डविधान के अनुरूप सजा भुगतनी पड़ सकती है. 

 

4- माता-पिता, गुरू और देवी-देवताओं या पूजा स्थल का अपमान करने वाले व्यक्ति को भी शनि देव के कोप का भागी होना पड़ता है.

 

5- जो व्यक्ति स्त्रियों के प्रति बुरा भाव रखता है, उनका अपमान करता है या पराई स्त्री से संबंध बनता है. ऐसे व्यक्ति शनि देव के दण्ड के भागी होते हैं.