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Health Tips: रात रानी (Night Jasmine) पौधा लगाने के बड़े फायदे

हिंदू धर्म (Hindu Dharm) में ऐसी मान्यता है कि कुछ पौधे ऐसे है जिनका घर में लगाना बेहद शुभ माना जाता है. इन्ही पौधों में से एक है रात- रानी(Night Jasmine). इसे रात की रानी इसलिए कहा गया क्योंकि इसके फूल रात में खिलते हैं और दिन में बंद रहते हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
02 Nov 2021, 08:36:30 PM (IST)

नई दिल्ली :

हिंदू धर्म (Hindu Dharm) में ऐसी मान्यता है कि कुछ पौधे ऐसे है जिनका घर में लगाना बेहद शुभ माना जाता है. इन्ही पौधों में से एक है रात- रानी(Night Jasmine). इसे रात की रानी इसलिए कहा गया क्योंकि इसके फूल रात में खिलते हैं और दिन में बंद रहते हैं. इसकी पत्तियां सरल, संकीर्ण चाकू जैसी लंबी, चिकनी और चमकदार होती हैं. फूल एक दुबला ट्यूबलर(Tubular) जैसा साथ ही हरा और सफेद होता है. आपको बता दें कि रात-रानी को चाँदनी(chandani) नाम से भी जाना जाता है और कहते हैं कि इसके फूल की खुशबू बहुत अच्छी होती है जो मन को सुकून से भर देती है. यह बहुत तेज होती है और दूर तक जाती है. तो आइए अब हम जानते है इसके बड़े फायदे. 

1. रात रानी का ऑयल या इत्र

रात रानी का तेल या इत्र (Essential oil) स्किन समस्याओं जैसे मुहांसे, चोट के निशान, दाग-धब्बे, पिम्पल में लाभकारी साबित होता है. कॉस्मेटिक इंडस्ट्री के कई प्रोडक्ट्स, शैम्पू, लोशन आदि बनाने में इसका प्रयोग भी किया जाता है. अरोमाथेरेपी के अनुसार रातरानी का इत्र (Raat rani) प्रयोग करने से डर, दुःख और निराशा के भाव दूर होते हैं और साथ ही मानसिक तनाव में भी राहत मिलती है. 

2. मानसिक तनाव में राहत मिलती है 

रात रानी का पौधा घर में लगाने से सभी तरह की चिंता, भय, घबराहट आदि सभी मिट जाते हैं. सुगंध में रात रानी को सर्वश्रेस्ट माना जाता है. रातरा‍नी के इत्र में स्नान करने या इसकी सुगंध सुगने से भी मस्तिष्क दर्द में आराम मिलता है. आपको बता दें कि अगर आप सुबह रातरानी के सुगंधित जल से स्नान कर लें तो दिनभर आपके बदन में ताजगी का एहसास रहेगा व पसीने की दुर्गंध से भी छुटकारा मिलता है.

3. मुंह के छालों में आराम 

आयुर्वेदिक उपचार में ऐसा माना जाता है कि मुंह में छाले होने पर रात रानी की एक पत्ती का टुकड़ा मुंह में डाल कर कुचने से मुंह के छालों में आराम मिलता है. आयुर्वेद में रात रानी का प्रयोग चोट, त्वचा समस्या, सरदर्द, मसूढ़े की सूजन, नपुंसकता, नेत्र रोग के इलाज में भी किया जाता है.