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ये तरीके अपनाएं, अपनी याददाश्त बढ़ाएं 

अब लाइफ फास्ट होती जा रही है. लोग गजेट्स पर ज्यादा डिपेंड रहने लगे हैं. ऐसे में दिमाग पर यूज कम होता है और याद रखने की क्षमता कम हो जाती है. इसके अलावा, तमाम टेंशंस बढ़ गई हैं, जिसके कारण भी याददाश्त पर फर्क पड़ा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
27 Oct 2021, 06:02:36 PM (IST)

नई दिल्ली :

आजकल लोगों में भूलने की आदत बढ़ती जा रही है. लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इतने टेंस हो गए हैं कि छोटी-छोटी चीजें भूलना आम बात हो गई है. बड़े-बड़े साइकेट्रिस्ट भी मानते हैं कि टेंशन के कारण लोगों की याददाश्त पर फर्क पड़ रहा है. इस मामले में डॉ. अर्पित श्रीवास्तव का कहना है कि अब लाइफ फास्ट होती जा रही है. लोग गजेट्स पर ज्यादा डिपेंड रहने लगे हैं. ऐसे में दिमाग पर यूज कम होता है और याद रखने की क्षमता कम हो जाती है. इसके अलावा, तमाम टेंशंस बढ़ गई हैं, जिसके कारण भी याददाश्त पर फर्क पड़ा है. अब सवाल उठता है कि याद्दाश्त को कैसे सुधारें. तो चलिए आपको बताते हैं कि आसान तरीके- 

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भ्रामरी प्राणायामः योग एक्सपर्ट बबिता मौर्य कहती हैं कि भ्रामरी प्राणायाम, एक ऐसा प्राणायाम है, जो याददाश्त सुधारने और दिमाग तेज करने में बहुत हेल्पफुल है. इसे करना भी बेहद आसान है. सुबह या शाम के समय एक मैट पर या चादर पर सुखासन (पालथी मारकर) बैठ जाएं. रीढ़ की हड्डी सीधी रखें. दोनों हाथ गोद में रखकर एक बार ओम का उच्चारण करें. फिर गहरी सांस भरकर दोनों अंगूठों से दोनों कान बंद कर लें. अपनी तर्जनी और मध्यमा (index finger and middle finger) अंगुलियों को माथे पर रखें. इसके अलावा बची दो अंगुलियों से आंखों को बंद करें और मुंह बंद कर ओम का गुंजन करने की कोशिश करें. यह प्रक्रिया लगातार पांच बार रोज करें. 

बादाम खाएं: डायटीशियन अंशुल टंडन कहती हैं कि बादाम याददाश्त बढ़ाने में बहुत सहायक होता है. सबसे ज्यादा फायदा तब होता है, जब आप इसे रात में भिगो दें. फिर सुबह छीलकर इस घिस लें और मिसरी के साथ खाएं. एक दिन में अमूमन 4-5 बादाम खाने चाहिए. 

शंखपुष्पीः कई मेडिकल एक्सपर्ट का दावा है कि शंखपुष्पी याददाश्त को बढ़ाने वाली बेहतरीन औषधि है. इसका नियमित सेवन करने से भी याददाश्त अच्छी होती है. खासतौर से बच्चों के लिए यह बहुत फायदेमंद होती है.

नियमित एक्सरसाइजः डेली एक्सरसाइज करने से भी याददाश्त बेहतर होती है. दरअसल, शरीर और दिमाग जुड़ा हुआ है. जितना शरीर फिट रहेगा, दिमाग को फिट रखने में भी आसानी होगी.