क्या है निकाह हलाला, जिसे खत्म करने की बात कही है मोदी सरकार ने
हालांकि मुस्लिम संगठन और विरोधी दल इसे धार्मिक मामलों में दखल बता रहे हैं, लेकिन सरकार अपने रुख पर कायम है.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की नई सरकार बनने के बाद भी तीन तलाक पर उसका पुराना रुख कायम है. अब राष्ट्रपति के अभिभाषण में तो नई सरकार ने तीन तलाक के अलावा निकाह हलाला जैसी कुप्रथा को भी खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई है. हालांकि मुस्लिम संगठन और विरोधी दल इसे धार्मिक मामलों में दखल बता रहे हैं, लेकिन सरकार अपने रुख पर कायम है. अब आइए जानते हैं क्या है निकाह हलाला?
क्या है निकाह हलाला
निकाह हलाला मुसलमानों में ऐसी कुप्रथा है, जिसके माध्यम से एक बार तलाक देने के बाद पत्नी को दोबारा पाने के लिए इससे गुजरना पड़ता है. तीन तलाक के बाद पति-पत्नी में सुलह हो जाने पर भी वे एक साथ नहीं रह सकते. एक साथ रहने के लिए पत्नी को किसी दूसरे मर्द से शादी कर शारीरिक संबंध बनाने होते हैं और फिर यदि वो 'खुला' या तलाक़ के ज़रिए अलग हो जाते हैं तो वो अपने पहले पति से दोबारा शादी कर सकती है. इसी को हलाला कहा जाता है.
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ख़ुला वो प्रक्रिया है जिसमें पत्नी पति से तलाक मांगती है, लेकिन इस्लामी क़ानून के जानकार मानते हैं कि हलाला के नाम पर ग़लत प्रथा को भारत में लागू किया जाता है. जानकारों का मानना है कि मुसलमान मर्द अपनी पत्नी को तलाक़ दे देता है और वो महिला दूसरी शादी कर लेती है और अगर महिला के दूसरे पति की मौत हो जाती है या उन दोनों में भी तलाक़ हो जाए तो वो महिला अपने पहले पति से शादी कर सकती है. महिला और उसके पहले पति की आपसी रज़ामंदी की स्थिति में इस्लाम उन्हें शादी करने की इजाज़त देता है.
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निकाह मुता
निकाह मुता में लड़का-लड़की तय समय के लिए शादी करते हैं. इसमें मेहर की रकम भी होती है. समय की मियाद पूरी होने पर शादी खत्म मान ली जाती है लेकिन इसे आपसी सहमति से आगे भी बढ़ाया जा सकता है. इसे कॉन्ट्रैक्ट मैरेज कह सकते हैं.
निकाह मिस्यार
सुन्नी मुसलमानों में होने वाले निकाह मुता को निकाह मिस्यार कहा जाता है.