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#MeToo Campaign के तहत बोलने वाली लड़कियों के साथ नजर आई स्मृति ईरानी, लोगों को दी ये सलाह

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से जब पत्रकारों ने एमजे अकबर के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब देने से इंकार करते हुए कहा, ‘इस बारे में वहीं सज्जन (एमजे अकबर) बेहतर कुछ कह सकते हैं.’

News Nation Bureau
| Edited By :
11 Oct 2018, 06:04:34 PM (IST)

नई दिल्ली:

पत्रकारिता से सियासत में आए विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर #MeToo विवादों में बुरी तरह फंस चुके हैं. विपक्ष जहां इनके इस्तीफे की मांग कर रही है. वहीं बीजेपी नेता भी उनपर कुछ भी बोलने से इंकार करते नजर आ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से जब पत्रकारों ने एमजे अकबर के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब देने से इंकार करते हुए कहा, ‘इस बारे में वहीं सज्जन (एमजे अकबर) बेहतर कुछ कह सकते हैं.’

लेकिन इसके साथ ही स्मृति ईरानी ने #MeToo अभियान की सराहना करते हुए कहा कि मैं सराहना करती हूं कि मीडिया ने अपनी महिला सहयोगियों के लिए आवाज उठाई है. मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगी कि जो भी इसके तहत बोल रहा है उसे किसी भी तरह शर्मिंदा, प्रताड़ित या फिर मजाक नहीं उड़ाना चाहिए. चाहे वो सोशल मीडिया पर हो या फिर वास्तविक जिंदगी में.

स्मृति ईरानी ने कहा, 'महिलाएं प्रताड़ित होने के लिए काम पर नहीं जाती हैं. वे अपने सपनों को साकार करने और सम्मानीय जिंदगी जीने के लिए काम करती हैं. मुझे उम्मीद है कि जो भी महिलाएं आवाज उठा रही हैं, उन्हें समुचित न्याय मिलेगा.

Women don’t go to work to be harassed. They go to work to live their dreams&earn a respectable living. I am hopeful that all these ladies who are speaking out get the justice that they deserve: Union Minister Smriti Irani on #MeToo pic.twitter.com/3PbxHMt44w

— ANI (@ANI) October 11, 2018

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गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर छह महिला पत्रकारों ने पूर्व संपादक अकबर पर यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं. अखबार 'द टेलीग्राफ' ने मंगलवार को रमानी और न्यूज पोर्टल फर्स्टपोस्ट में एक अनाम लेखिका के ट्वीट पर आधारित खबर चलाई. संयोग की बात है कि अकबर द टेलीग्राफ के संस्थापक संपादक रह चुके हैं. पत्रकार ने सोमवार को एक लेख के बारे में ट्वीट किया, जिसे उन्होंने 2017 में वोग पत्रिका के लिए लिखा था.

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