गृह मंत्रालय ने 2 IPS को जबरन हटाया, अनुशासनहीनता का है आरोप
केंद्र सरकार ने दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को जबरन हटा दिया है। दोनों अधिकारियों पर अनुशासनहीनता का आरोप है।
highlights
- केंद्र सरकार ने 2 आईपीएस अधिकारियों को जबरन हराया
- दोनों अधिकारियों पर अनुशासनहीनता का है आरोप
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफसरों को दी थी सख्त हिदायत
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को जबरन हटा दिया है। दोनों अधिकारियों पर अनुशासनहीनता का आरोप है। एक टीवी चैनल बातचीत करते हुए गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'मंत्रालय ने इन्हें तीन महीने की तनख्वाह देकर जबरन रिटायर कर दिया।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अफसरों को सख्त हिदायत के बाद गृह मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। पीएम ने अधिकारियों से कहा था कि जो सही तरीके से काम नहीं करेगा या जिसका सर्विस रिकॉर्ड सही नहीं होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
केंद्र सरकार ने राजकुमार देवांगन और मयंक शील चौहान को हटाया है। राजकुमार 1992 बैच के छत्तीसगढ़ काडर के आईपीएस हैं और मयंक 1998 के यूनियन टेरिटॉरीज काडर के आईपीएस हैं। मयंक उस दौरान चर्चा में आए थे जब असम में तैनाती के समय वह अचानक गायब हो गए थे। इस मामले में काफी विवाद हुआ था।
बताया जा रहा है कि करीब 15 साल बाद केंद्र सरकार ने इस तरह की कार्रवाई की है।
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