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निलंबित सांसद बोले-CCTV फुटेज देखें, पुरुष मार्शल महिला सांसदों को पीट रहे थे

आप सीसीटीवी फुटेज देखें तो यह रिकॉर्ड हो गया है कि कैसे पुरुष मार्शल महिला सांसदों को पीट रहे थे. एक तरफ ये सब और दूसरी तरफ आपका फैसला? यह कैसा असंसदीय व्यवहार है?

News Nation Bureau
| Edited By :
29 Nov 2021, 07:02:53 PM (IST)

नई दिल्ली:

संसद का शीतकालीन सत्र आज यानि सोमवार से शुरू हो गया है. शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामें की भेंट चढ़ गया. विपक्षी सांसद तीनों कृषि कानून के वापसी बिल पर चर्चा चाहते थे. इसके साथ ही उनकी मांग थी कि पेगासस जासूसी मामले सहित विभिन्न मुद्दों पर  चर्चा करायी जाए. विपक्षी दलों की मांग नहीं मानी गयी. संसद के मानसून सत्र में हंगामे और अनुशासनहीनता के आऱोप में राज्यसभा के 12 सासंदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. इसी के साथ शीतकालीन सत्र की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है. जिनको निलंबित किया गया है उनमें कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, सीपीएम के सांसद शामिल हैं.

जिन 12 सांसदों को निलंबित किया गया है उसमें एलामारन करीम CPM से और कांग्रेस की फूले देवी नेता, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह और सीपीआई के बिनॉय विश्वम, टीएमसी की डोला सेना व शांता छेत्री, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई शामिल हैं.

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कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य और शीतकालीन सत्र से निलंबित छाया वर्मा ने कहा, "यह निलंबन अनुचित और अन्यायपूर्ण है. अन्य दलों के कउछ सदस्य भी थे जिन्होंने हंगामा किया लेकिन अध्यक्ष ने मुझे निलंबित कर दिया. पीएम मोदी जैसा चाहते हैं वैसा ही कर रहे हैं क्योंकि उनके पास भारी बहुमत है."

12 निलंबित सांसदों में शामिल शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि, "डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, एक आरोपी को वहां भी सुना जाता है, उनके लिए वकील भी उपलब्ध कराए जाते हैं, कभी-कभी सरकारी अधिकारियों को उनका पक्ष लेने के लिए भेजा जाता है. यहां हमारा पक्ष नहीं लिया गया."  

उन्होंने कहा अगर आप सीसीटीवी फुटेज देखें तो यह रिकॉर्ड हो गया है कि कैसे पुरुष मार्शल महिला सांसदों को पीट रहे थे. एक तरफ ये सब और दूसरी तरफ आपका फैसला? यह कैसा असंसदीय व्यवहार है ? 

If you see the CCTV footage it has been recorded how male marshals were jostling female MPs. All of this on one side & your decision on the other? What kind of unparliamentary behaviour is this?: Shiv Sena MP Priyanka Chaturvedi - one of the 12 RS MPs suspended for this session pic.twitter.com/qwkCVvUsse

— ANI (@ANI) November 29, 2021

सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि, "इतने सालों में जब से मैं यहां हूं, मैं पहली बार इस तरह का माहौल देख रही हूं. बिल पूरी तरह से हंगामे के बीच पास हो गया. मुझे लगता है कि अब एक विशेष संसद संरक्षण विधेयक पारित किया जाना चाहिए. छोटी पार्टियों को बोलने का मौका नहीं मिलता."   

They should've talked about the loss of people, the strikes, & the rising vegetable prices. What is this government doing? How will we eat? The water is polluted, the air is polluted, how will we live?: SP MP Jaya Bachchan

— ANI (@ANI) November 29, 2021

जया बच्चन ने कहा सरकार को लोगों के नुकसान, हड़तालों और सब्जियों की बढ़ती कीमतों के बारे में बात करनी चाहिए थी. यह सरकार क्या कर रही है? हम कैसे खाएंगे? पानी प्रदूषित है, हवा प्रदूषित है, हम कैसे रहेंगे?

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक नुकसान के डर से सरकार ने कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है. देश में एक बड़ा समूह कह रहा है कि सीएए संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. हम मांग करते हैं कि केंद्र नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को निरस्त करे. 

Govt has repealed the farm laws in fear of political loss ahead of Assembly elections. A large group in the country is saying that CAA is a violation of Article 14 of the Constitution. We demand that the Centre should repeal Citizenship (Amendment) Act: AIMIM MP Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/vmXrPVDM4G

— ANI (@ANI) November 29, 2021

निलंबित सांसद मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में करेंगे बैठक

राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी दल लामबंद हो रहे हैं. विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को उच्च सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय (Mallikarjun Kharge office) में बैठक बुलाई है, जहां आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. दरअसल, राज्यसभा ने सोमवार को शुरू हुए शीतकालीन सत्र (Winter Session) के पहले दिन ही 12 सांसदों को सत्र के शेष दिनों के लिए निलंबित कर दिया. इन सांसदों के खिलाफ यह कार्रवाई सदन के मानसून सत्र (Monsoon Session) में अनुशासनहीनता के आरोप में की गई है.