UP के बदायूं में मानसिक रोगियों को चेन में बांधे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मानसिक रूप से बीमार शख्स को चेन में बांधकर नहीं रखा जा सकता है ये उनके अधिकारों और उनके सम्मान के खिलाफ है.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के बदायूं के छोटे-बड़े सरकार दरगाह में मानसिक रूप से बीमार लोगों को इलाज के नाम पर जंजीर से बांध कर रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मानसिक रूप से बीमार शख्स को चेन में बांधकर नहीं रखा जा सकता है ये उनके अधिकारों और उनके सम्मान के खिलाफ है. कोर्ट ने कहा कि एक मानसिक रोगी भी इंसान है, उसकी अपनी भी गरिमा है. अगर वो हिंसक भी है, तो उन्हें अकेले रखा जा सकता है, चेन में बांधना समाधान नहीं है. गौरतलब है कि बदायूं के छोटे-बड़े सरकार दरगाह में इलाज के लिए मानसिक रूप से बीमार लोगों को जंजीर से बांध कर रखा जाता है.
कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगते हुए कहा है कि, 'यह चिंता का विषय है और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ऐसे व्यक्तियों के अधिकार के खिलाफ है और उनकी गरिमा से समझौता नहीं किया जा सकता है.' मानसिक रोगियों को इस तरीके से रखे जाने के खिलाफ गौरव बंसल नाम के वकील ने याचिका दायर कर कोर्ट से दखल देने की मांग की थी.
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कोर्ट ने सोमवार को अगली सुनवाई पर सरकार से जवाब मांगा है. याचिका में ये भी कहा गया है कि राज्य मेंटल हेल्थ केयर एक्ट पर अमल नहीं करते हैं. इस पर भी कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.