तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, याचिकाकर्ता शायरा बानो ने कहा- पाप है यह
तीन तलाक पर आज छठे और आखिरी दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
highlights
- तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में 6 दिनों तक हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित
- मुख्य याचिकाकर्ता शायरा बानो के वकील ने कहा, तीन तलाक पाप है
- सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने तीन तलाक पर की सुनवाई
नई दिल्ली:
तीन तलाक पर आज छठे और आखिरी दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने दो-दो दिनों तक दोनों पक्षों को मामले में अपने तर्क रखने के दिए थे। उसके बाद दोनों पक्षों को प्रत्युत्तर देने के लिए एक-एक दिन दिया गया।
गुरुवार को तीन तलाक मामले की मुख्य याचिका कर्ता शायरा बानो के वकील अमित सिंह चढ्डा ने दलील रखी। अमित सिंह ने कहा, 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) कहता है कि तीन तलाक आस्था और धार्मिक विश्वास का मामला है। 1400 साल पुरानी परम्परा है। इसमें कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। सरकार कह रही है कि ट्रिपल तलाक बैड इन लॉ है, असमानता पर आधारित है। असंवैधानिक है। लेकिन इसके लिये कानून बनाने को राजी नहीं है।'
अमित सिंह ने कहा, 'हमारा मानना है कि इस्लाम महिला और पुरुष में भेद नहीं करता। जब आप (AIMPLB) कहते हैं कि ये धार्मिक आस्था और विश्वास का मामला है। तो मेरा विश्वास है कि ट्रिपल तलाक एक पाप है और ये पाप मेरे और मेरे खुदा के बीच है।'
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संवैधानिक पीठ में चीफ जस्टिस केहर के अलावा जस्टिस कुरियन जोसफ, जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के रिवाज की वैधता को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई की है।