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जिला प्रशासन कोरोना से हुए अनाथ बच्चों को दें बुनियादी जरूरत : सुप्रीम कोर्ट

कोरोना वायरस की वजह से देशभर में कई लोगों की मौत हुई हैं. कितने परिवार अनाथ हो गए हैं. कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया. इस विकट संकट की स्थिति में सरकार लोगों को मदद पहुंचा रही है.

News Nation Bureau
| Edited By :
28 May 2021, 04:18:42 PM (IST)

highlights

  • जिला प्रशासन कोरोना से हुए अनाथ बच्चों को दें बुनियादी जरूरत : सुप्रीम कोर्ट
  • कोरोना महामारी में अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चो को कोई दिक्कत न हो
  • प्रशासन की ओर से उनकी सहायता के लिए किए कामों की जानकारी भी मांगी है

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस की वजह से देशभर में कई लोगों की मौत हुई हैं. कितने परिवार अनाथ हो गए हैं. कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया. इस विकट संकट की स्थिति में सरकार लोगों को मदद पहुंचा रही है. वहीं, इस बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देशभर के जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि कोरोना से हुए अनाथ बच्चों को बुनियादी जरुरत दें. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि अगले आदेश की प्रतीक्षा किए बिना, एक या दोनों माता-पिता को कोविड -19 में खो जाने के बाद अनाथ बच्चों की बुनियादी जरूरतों का तुरंत ध्यान रखा जाए.

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कोरोना महामारी में अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चो को कोई दिक्कत न हो, उसकी बुनियादी ज़रूरते पूरी हो सके, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देश भर में जिला अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि मार्च 2020 के बाद से अपने अभिभावकों को खोने वाले  ऐसे बच्चों की जानकारी NCPCR वेबसाइट पर शनिवार शाम तक अपलोड करें. उनकी ज़रूरत को पूरा करने के लिए कोर्ट के अगले आदेश का इतजार न करे. कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से ऐसे बच्चों की सँख्या और  प्रशासन की ओर से उनकी सहायता के लिए किए कामों की जानकारी भी मांगी है.

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एमिकस क्युरी गौरव  अग्रवाल ने  कोर्ट का ध्यान इस ओर दिलाया था कि महामारी के चलते/ या दूसरी वजह से  अपने  एक या दोनों अभिभावकों को खो चुके बच्चों को राहत के लिए प्रयास करने की ज़रूरत है. ऐसे बच्चे विशेषकर लड़कियां मानव  तस्करी का शिकार हो रही है. लिहाज़ा कोर्ट ज़रूरी निर्देश जारी करे.

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