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सुनंदा पुष्कर मौत केस : सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, इस दिन आएगा फैसला

सुनंदा पुष्कर मौत मामले में पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House court) की विशेष अदालत में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian swamy) की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की.

News Nation Bureau
| Edited By :
06 Dec 2018, 06:28:46 PM (IST)

नई दिल्ली:

सुनंदा पुष्कर मौत मामले (Sunanda Pushkar Case) में पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House court) की विशेष अदालत में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian swamy) की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की. कोर्ट ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. याचिका में स्वामी ने कोर्ट में पुलिस की विजिलेसं जांच रिपोर्ट पेश की करने के साथ पक्षकार बनाने की मांग की है. स्वामी का कहना है कि विजिलेंस रिपोर्ट देखने के बाद उचित आरोप तय करने में कोर्ट को मदद मिलेगी.

इल मामले में अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी. बता दें कि इस मामले की सुनवाई 1 दिसंबर को होनी थी, लेकिन एक पक्ष के वकील के नहीं मौजूद होने के बाद सुनवाई टाल दी गई थी.

बता दें कि पिछले 23 अगस्त को सुब्रमण्यम स्वामी कांग्रेस नेता शशि थरूर की उस याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया था जिसमें थरूर ने स्वामी को पक्षकार बनाने से रोकने की मांग की थी. इस मामले के आरोपी और कांग्रेस नेता शशि थरूर के वकील ने कहा था कि इस मामले से स्वामी को कोई लेना देना नहीं हो सकता है.

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गौरतलब है कि 1 अगस्त को सुनंदा पुष्कर आत्महत्या मामले में आरोपी कांग्रेस सांसद शशि थरूर को दिल्ली की एक अदालत ने विदेश यात्रा की अनुमति दे दी है. पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त मुख्य महानगरीय दंडाधिकारी समर विशाल ने थरूर को अनुमति दी और उनसे दो लाख रुपये की सावधि जमा रसीद (एफडीआर) प्रस्तुत करने के लिए कहा जो उन्हें विदेश से वापस आने के बाद लौटा दी जाएगी.

क्या है पूरा मामला

51 वर्षीय पुष्कर का निधन 17 जनवरी 2014 को दक्षिण दिल्ली के एक होटल के कमरे में रहस्यमय परिस्थितियों में हुआ. अपनी मौत से कुछ दिनों पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पति थरूर के एक पाकिस्तानी पत्रकार के साथ संबंध हैं.

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पुलिस ने 14 मई को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 और 498 ए के तहत थरूर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जिसमें पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने और उनके साथ क्रूरता से पेश आने का आरोप लगाया गया है। इसमें 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है.