यूपी चुनाव: सोनिया गांधी ने अमेठी-रायबरेली के वोटरों को लिखा ख़त, बोलीं कांग्रेस को वोट करें
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है।
highlights
- राजनीतिक इतिहास में पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली-अमेठी विधानसभा चुनाव में नज़र नहीं आई।
- चौथे चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले अमेठी-रायबरेली के वोटरों के लिए लिखा भावुक पत्र।
- सोनिया गांधी 1999 में पहली बार अमेठी लोकसभा सीट से लड़ते हुए राजनीति में सक्रिय हुई थीं।
नई दिल्ली:
ख़राब सेहत की वजह से पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव प्रचार से दूर रहीं। इससे पहले जब भी रायबरेली और अमेठी क्षेत्र में चुनाव का माहौल होता था, सोनिया गांधी हमेशा से ही पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगती नज़र आती थी। 23 फरवरी को यूपी विधानसभा चुनाव के लिए चौथे चरण का मतदान होना है। जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली और अमेठी भी शामिल हैं।
कई जगहों पर पार्टी प्रचार तो कर रही है लेकिन सोनिया गांधी की गैरमौजूदगी के चलते लोकल नेताओं को उनके फोटो लगाकर प्रचार करना पड़ रहा है। सोनिया गांधी ने बुधवार को यानी कि चौथे चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले अमेठी-रायबरेली के वोटरों के लिए एक भावुक पत्र लिखा है। सोनिया गांधी ने अपने पत्र में मोदी सरकार पर हमला करते हुए वोटरों से कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने की अपील की है। हालांकि इस पत्र में उन्होंने कहीं भी अपने गठबंधन मित्र सपा का ज़िक्र नहीं किया है।
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में नरेन्द्र मोदी सरकार पर काम काज नहीं करने का आरोप लगाते हुए रायबरेली-अमेठी के लोगों से अपील की है कि वे कांग्रेस के हाथ को मजबूत करें। सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा है कि मोदी सरकार के फैसलों की वजह से किसानों, युवाओं और ग़रीब तबकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
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उन्होंने कहा है कि केंद्र की इस सरकार ने हमारे इस क्षेत्र की परियोजनाओं को भी बाधित किया है जो कि पीड़ादायक है। सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर केवल पूंजिपतियों के लिए काम करने का भी आरोप लगाया। सोनिया गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी ने 2014 में अच्छे दिनों का वादा किया था लेकिन गरीबों से उनका सब कुछ छीन लिया।
अमेठी-रायबरेली के लोगों को लिखे गए इस ख़त में सोनिया गांधी ने कहीं भी अपने गठबंधन मित्र समाजवादी पार्टी का जिक्र नहीं किया है। बता दें कि इस बार यूपी विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस साथ चुनाव लड़ रहे हैं।
18 वर्षों में यह पहला मौका है जब विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए कांग्रेस अध्यक्ष स्वयं नहीं पहुंच पाईं।
हालांकि कांग्रेस ने इसका कोई स्पष्ट कारण तो नहीं बताया लेकिन माना जा रहा है कि उनका खराब स्वास्थ्य इसकी बड़ी वजह है। सोनिया गांधी 1999 में पहली बार अमेठी लोकसभा सीट से लड़ते हुए राजनीति में सक्रिय हुई थीं। लेकिन पांच साल अमेठी का प्रतिनिधित्व करने के बाद सोनिया ने अपनी सास इंदिरा गांधी के कर्मक्षेत्र रायबरेली को चुनाव क्षेत्र बना लिया और वर्ष 2004 में वह भारी बहुमत से चुनी गईं।
सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी ने अमेठी की कमान संभाल ली लेकिन इसके बावजूद श्रीमती गांधी रायबरेली-अमेठी दोनों संसदीय क्षेत्रों के विस क्षेत्रों में पार्टी के प्रचार के लिए आती रहीं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों के अलावा उनकी भावनात्मक अपील का असर भी रायबरेली-अमेठी के मतदाताओं पर दिखता रहा है।