S.Jaishankar ने संसद को भारत की विदेश नीति के बारे मेंं अवगत कराया
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को संसद को भारत की विदेश नीति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के भारत दौरे के संबंध में ताजा घटनाक्रम की जानकारी दी. उन्होंने राज्यसभा को संबोधित करते हुए जी20 के अध्यक्ष के रूप में भारत की योजनाओं और हाल ही में बाली शिखर सम्मेलन पर भी बात की. जयशंकर ने सदन को बताया कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली विदेश यात्रा ब्रिटेन की थी.
नई दिल्ली:
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को संसद को भारत की विदेश नीति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के भारत दौरे के संबंध में ताजा घटनाक्रम की जानकारी दी. उन्होंने राज्यसभा को संबोधित करते हुए जी20 के अध्यक्ष के रूप में भारत की योजनाओं और हाल ही में बाली शिखर सम्मेलन पर भी बात की. जयशंकर ने सदन को बताया कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली विदेश यात्रा ब्रिटेन की थी.
उन्होंने यह भी कहा कि भारत 10 जनवरी से 13 जनवरी, 2023 तक विदेशों में भारतीयों के योगदान का सम्मान करने के लिए प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी करेगा. जयशंकर ने कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने 2023 गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि बनने पर सहमति जताई है. जयशंकर ने राज्यसभा को कतर में फीफा विश्व कप 2022 के उद्घाटन समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति और समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी के संबोधन की भी जानकारी दी.
इस बीच, लोकसभा में विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने भारत की कूटनीति के संबंध में ताजा घटनाओं पर सदन को जानकारी दी. उन्होंने सदन को जी20 की अध्यक्षता संभालने वाले भारत के बारे में जानकारी दी, जो दुनिया की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. लेखी ने कहा कि भारत पूरे भारत में कई स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों में 200 जी20 बैठकें आयोजित करेगा.
उन्होंने कहा, अगले साल होने वाला शिखर सम्मेलन भारत द्वारा आयोजित की जाने वाली सर्वोच्च प्रोफाइल अंतर्राष्ट्रीय सभा होगी. लेखी ने कहा कि जी20 भूवैज्ञानिक संकट, खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा, सतत विकास लक्ष्यों की धीमी प्रगति, बढ़ते कर्ज के बोझ और जलवायु कार्रवाई और न्याय की चुनौतियों की बड़ी पृष्ठभूमि में हो रहा है. उन्होंने कहा, हमारा प्रयास जी20 के भीतर आम सहमति बनाना है, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ और इसके एजेंडे को स्थापित करना है.
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