शरद यादव इलेक्शन कमीशन से करेंगे मुलाक़ात, पार्टी चिह्न 'तीर' पर ठोकेंगे दावा
शरद यादव शुक्रवार को इलेक्शन कमिशन से मिलेंगे और पार्टी चिह्न 'तीर' और पार्टी को लेकर अपना दावा ठोकेंगे।
नई दिल्ली:
बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद से ही नाराज़ चल रहे पूर्व जेडीयू (जनता दल युनाइटेड) अध्यक्ष शरद यादव पूरी तरह से बग़ावत के मूड में दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि शरद यादव शुक्रवार को इलेक्शन कमिशन से मिलेंगे और पार्टी चिह्न 'तीर' और पार्टी को लेकर अपना दावा ठोकेंगे।
इससे पहले जेडीयू नेता शरद यादव ने शनिवार को पटना में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के समानांतर 'जनअदालत' लगाकर पार्टी के नेतृत्व को चुनौती दी थी।
'जनअदालत' में भाग ले रहे लोगों को संबोधित करते हुए शरद यादव ने कहा कि जिस घर को उन्होंने बनाया था, आज उसी घर को लोग कह रहे हैं कि यह घर उनका नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनको बेघर करने की कोशिश की जा रही है।
जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ने बिहार में महागटबंधन टूटने को जनादेश के साथ विश्वासघात की बात करते हुए कहा कि यहां गठबंधन की सफलता के बाद आगे गठबंधन की योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि जनता दल के आकार को बड़ा जनता दल बनाना था।
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उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के विजयी रथ को रोकने के लिए महागठबंधन को पांच वर्षो के लिए जनादेश दिया था, परंतु इसे बीच में ही तोड़ दिया गया। जनादेश को धरोहर बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे छोड़ना सही नहीं है। यह जनादेश का अनादर है।
जिसके बाद पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सीधे तौर पर शरद यादव को पार्टी तोड़ने की चुनौती दी थी।
पटना में शनिवार को हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जेडीयू के राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में शामिल होने का एक प्रस्ताव पारित किया।
बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता के सी़ त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार के आवास पर जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक हुई, जहां औपचारिक रूप से राजग में शामिल होने का फैसला किया गया।
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उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार को सभी 15 राज्य इकाइयों, बिहार के 71 विधायकों, पार्टी के अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है। शरद यादव को कांग्रेस और भ्रष्ट राजद गुमराह कर रही है, वे ही समांतर बैठक के लिए उनकी मदद कर रही है।'
त्यागी ने कहा कि पार्टी विरोधी कायरे में शामिल होने के बावजूद इस बैठक में पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का निर्णय नहीं लिया गया है। पार्टी ने इसे नजरअंदाज किया।
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उन्होंने कहा, 'शरद पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उनके साथ मिलकर हमलोगों ने वर्षो तक काम किया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाइयां लड़ी हैं।'
हालांकि उन्होंने शरद को चेतावनी भरे लहजे में कहा, 'अगर 27 अगस्त को वे राजद (राष्ट्रीय जनता दल) की रैली में वर्तमान राजनीति के सबसे भ्रष्टाचारी माने जाने वाले लालू प्रसाद के साथ नजर आते हैं, तो वे लक्ष्मण रेखा पार कर जाएंगे। इसके बाद पार्टी कड़ी कार्रवाई करेगी।'
पटना में आयोजित इस बैठक में जद (यू) के सभी आमंत्रित सदस्य शामिल हैं।
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