.

दिल्ली-एनसीआर में भूंकप के झटके, ऐसे करें बचाव, अपनाएं ये जरूरी उपाय

दिल्ली और एनसीआर में शनिवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.2 दर्ज की गई है. भू

News Nation Bureau
| Edited By :
02 Feb 2019, 07:07:47 PM (IST)

नई दिल्ली:

दिल्ली और एनसीआर में शनिवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.2 दर्ज की गई है. भूकंप का केंद्र हिंदुकुश पर्वत क्षेत्र बताया जा रहा है. अभी कहीं से भी किसी के हताहत होने की खबरें नहीं आई हैं. वहीं जम्मू और कश्मीर में भी भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए. जानकारी के मुताबिक भूकंप के हल्के झटके दिल्ली के अलावा हरियाणा और हरियाणा में भी महसूस किए. लाहौर, इस्लामाबाद, मुल्तान और पेशावर सहित पाक अफगान बॉर्डर में भी भूकंप की तीव्रता महसूस की गई.

भूकंप आते ही ज्यादातर लोग बुरी तरह घबरा जाते हैं. घबराहट की वजह से लोग सही फैसला नहीं ले पाते है. लेकिन भूकंप के दौरान कुछ सावधानियां बरतकर आसानी से अपना और दूसरों का बचाव किया जा सकता है.

भूकंप आने पर क्या करें और क्या न करें-

1. भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें, और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें.

2. फर्श पर बैठ जाएं, मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे छुप जाए. टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें.

3. घर के किसी कोने में चले जाएं, और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें. 

4. बिस्तर पर हैं, तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें.

5. आसपास भारी फर्नीचर हो, तो उससे दूर रहें. 

6. लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें, लिफ्ट भूकंप के दौरान पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है, और बिजली जाने से रुक भी सकती है. 

7. सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं.

8. चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें. 

9. ऐसे पुलों या सड़कों पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो.

10. जब तक भूकंप के झटके खत्म न हों, घर-ऑफिस से बाहर ही रहें. 

11. ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें.

भूकंप में अगर दब गए है तो क्या करें-

. किसी पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके.

. किसी रूमाल या कपड़े से चेहरा ज़रूर ढक लें.

. कतई न हिलें, और धूल न उड़ाएं.

. माचिस हरगिज़ न जलाएं, क्‍योंकि इस दौरान गैस लीक का खतरा हो सकता है.

. अगर कोई सीटी उपलब्ध हो, तो उसे बजाते रहें.

. यदि कोई और ज़रिया न हो, तो चिल्लाते रहें, हालांकि चिल्लाने से धूल मुंह के भीतर जाने का खतरा रहता है, सो, सावधान रहें.