फांसी के सजायाफ्ता सोनू सरदार की याचिका पर SC ने दिल्ली HC को दिया आदेश, कहा दो महीने में सुलझाये मामला
सोनू सरदार ने 2004 के नवंबर माह में छत्तीसगढ़ के चेर गांव में डकैती के दौरान पांच लोगों की हत्या कर दी थी।
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फांसी के सजायाफ्ता सोनू सरदार की याचिका निपटारा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट को आदेश दिया है कि वो दो महीने के अन्दर इस मामले को सुलझायें।
इससे पहले की सुनवाई में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर भानूमति की पीठ ने आपत्ति ज़ाहिर करते हुए कहा था कि यह मामला छत्तीसगढ़ का है। ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट इस पर कैसे सुनवाई कर सकता है?
वहीं सोनू सरदार के वकील का कहना था कि अगर राष्ट्रपति ने उनकी दया याचिका ख़ारिज की है तो ऐसे में हाईकोर्ट के पास भी इस मामले में सुनवाई करने का अधिकार है।
जिसपर अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी का कहना था कि वह इस मामले में कोर्ट को असिस्ट करे और बताएं कि क्या राष्ट्रपति अगर किसी दया याचिका को ख़ारिज करते हैं तो हाई कोर्ट के पास यह अधिकार है कि इस मामले की सुनवाई करे?
इसके साथ ही अटार्नी जनरल ने ये भी तर्क दिया कि अगर इस तरह के सभी मामलों में हाइ कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तकनीकी रूप से फसने लगे तो दोषी को सज़ा देने में देरी होगी।
इस पर जस्टिस दीपक मिश्रा ने फटकार लगाते हुए कहा था कि भविष्य में अगर उत्तर प्रदेश, बंगाल और दूसरे राज्यो के दोषियों की याचिका अगर राष्ट्रपति ठुकरा देते हैं तो क्या सभी मामलों की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट करेगी। हालात अगर ऐसे ही रहे तो भविष्य में देश के सभी हाईकोर्ट के पास कोई याचिका जायेगी ही नहीं और सब मामलों को दिल्ली हाई कोर्ट ही सुनेगा।
गौरतलब है कि सोनू सरदार ने 2004 के नवंबर माह में छत्तीसगढ़ के चेर गांव में डकैती के दौरान एक परिवार की एक महिला और दो बच्चों समेत पांच लोगों की हत्या कर दी थी।