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केरल: कड़ी सुरक्षा के बीच 1 महिला ने सबरीमाला मंदिर में किया प्रवेश

सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को अपने फैसले में मंदिर में प्रवेश करने के लिए प्रतिबंधित आयु वर्ग की लड़कियों और महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की थी, जिसके बाद राज्य सरकार किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शनों से बचने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रही है.

News Nation Bureau
| Edited By :
06 Nov 2018, 09:02:25 AM (IST)

नई दिल्ली:

सबरीमाला मंदिर में मंगलवार को भी प्रदर्शन जारी है. मंगलवार सुबह से ही प्रदर्शनकारी मंदिर के बाहर महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच सुबह मंदिर में परिवार के साथ पूजा करने पहुंची एक 52 वर्षीय महिला को प्रदर्शनकारियों ने रोकने की कोशिश की. हालांकि बाद में कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच महिला मंदिर में पूजा कर पाईं. इसके अलावा भारी प्रदर्शन के बीच अमृता टीवी का कैमरामैन घयाल हो गया. इस बीच सन्निधानम में सबसे सबसे अधिक संख्या में प्रदर्शनकारी देखने को मिले. पुलिस ने बताया कि वह प्रदर्शनकारियों को रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

#Kerala: Lalitha (Pic 1: in the centre), a 52-year-old woman devotee from Thrissur, whose entry to #SabarimalTemple was opposed by protesters, offered prayers at the temple under police protection. She had come along with her family. pic.twitter.com/RdJeWflhk4

— ANI (@ANI) November 6, 2018

मंदिर में विशेष पूजा को देखते हुए केरल के पंबा, निलक्कल, सन्निधानम और इलुवांगल जैसे इलाकों में 5 से लेकर 6 नवंबर तक धारा 144 लागू की गई है. जिससे पूजा के दौरान क्षेत्र में शांति बहाल रह सके और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को अंजाम न दिया जा सके.

गौरतलब है कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच सोमवार शाम को सबरीमाला मंदिर 'अठझा पूजा' के लिए आम लोगों के लिए खोला गया था. यह मंदिर अब मंगलवार शाम को  के बाद बंद किया जाएगा. इससे पहले केरल पुलिस ने सोमवार को सबरीमाला मंदिर के समीप जैमर लगाया, ताकि तांत्रि और तीर्थस्थल के अन्य अधिकारी मीडिया से बात न कर सकें और लाइव दृश्यों को प्रसारित न किया जा सके. राज्य पुलिस ने एक दिवसीय तीर्थाटन से पहले मंदिर की सुरक्षा के लिए करीब 2300 पुलिस कर्मियों को तैनात किया है. यह तीर्थाटन मंगलवार रात 10 बजे समाप्त होगा. 

सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को अपने फैसले में मंदिर में प्रवेश करने के लिए प्रतिबंधित आयु वर्ग की लड़कियों और महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की थी, जिसके बाद राज्य सरकार किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शनों से बचने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रही है.

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जब मंदिर 17 से 22 अक्टूबर के बीच मासिक पूजा के लिए खोला गया था, मंदिर के तांत्रि और अधिकारियों ने कहा था कि अगर 10 से 50 वर्ष उम्र की महिला मंदिर में प्रवेश की कोशिश करेंगी तो वे मंदिर को बंद कर देंगे, क्योंकि यह मंदिर परंपरा के खिलाफ है.