स्वामी आत्मस्थानंद महाराज का निधन, पीएम मोदी और ममता बनर्जी ने जताया दुख
आत्मस्थानंद महाराज लंबे समय से बीमारी से ग्रस्त थे और फरवरी, 2015 से दक्षिण कोलकाता के रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान में भर्ती थे।
highlights
- लंबे समय से बीमारी से ग्रस्त थे आत्मस्थानंद महाराज
- आत्मस्थानंद महाराज ने ही पीएम मोदी को दी थी राजनीति में आने की सलाह
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अध्यात्मिक गुरु और रामकृष्ण मठ और मिशन के प्रमुख स्वामी आत्मस्थानंद महाराज का रविवार शाम लंबी बीमारी से निधन हो गया।
आत्मस्थानंद महाराज लंबे समय से बीमारी से ग्रस्त थे और फरवरी, 2015 से दक्षिण कोलकाता के रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान में भर्ती थे। आत्मस्थानंद महाराज के निधन की खबर के बाद पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी स्वामी आत्मस्थानंद महाराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आत्मस्थानंद की शनिवार से सुबह से तबियत ज्यादा खराब हो गई थी और वे वेंटिलेटर पर थे।
इसके बाद ममता बनर्जी भी उन्हें देखने पहुंची थी। अस्पताल सूत्रों के अनुसार स्वामी आत्मस्थानंद महाराज ने रविवार शाम करीब 5.30 बजे आखिरी सांस ली।
ममता बनर्जी ने उनके निधन पर ट्विटर पर अपने शोक संदेश में कहा-'स्वामी आत्मस्थानंद महाराज का निधन मानवता के लिए क्षति है। उन्होंने अपना सारा जीवन सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों को समर्पित कर दिया।'
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स्वामी आत्मस्थानंद महाराज 22 वर्ष की उम्र में बेलूरमठ के रामकृष्ण मिशन से जुड़े थे। मई, 2015 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता आए थे तो उन्होंने अस्पताल जाकर आत्मस्थानंद महाराज से मुलाकात की थी। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'मैं अपनी जिंदगी के महत्वूपर्ण क्षण में उनके साथ रहा था। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।'
The demise of Swami Atmasthananda ji is a personal loss for me. I lived with him during a very important period of my life. pic.twitter.com/eY3TKU41Xf
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2017बता दें कि नरेंद्र मोदी किशोरावस्था में संन्यासी बनने बेलूरमठ आए थे और तब उनकी पहली बार मुलाकात आत्मस्थानंद महाराज से हुई थी। आत्मस्थानंद महाराज ने ही सबसे पहले पीएम मोदी को राजनीति में जाने की प्रेरणा दी थी।