राजस्थान: विधानसभा चुनाव से पहले सीएम वसुंधरा राजे चल सकती है बड़ा दांव, 80 लाख वोट होंगे प्रभावित, यह है पूरा प्लान
दिव्यांगों के लिए पंचायती और निकाय चुनावों में 4 प्रतिशत के आरक्षण से संबंधित फाइल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तक पहुंच चुकी है।
नई दिल्ली:
राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले वसुंधरा राजे सरकार आरक्षण को लेकर बड़ा दांव चल सकती है। पार्टी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राजे सरकार विधानसभा चुनावों से पहले दिव्यांगो को चुनावों में आरक्षण देने का विचार कर रही है। यदि चुनावों से पहले सरकार आरक्षण देती है तो इससे राज्य में रहने वाले करीब 80 लाख दिव्यांग जनों के वोट सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।
दिव्यांगों के लिए पंचायती और निकाय चुनावों में 4 प्रतिशत के आरक्षण से संबंधित फाइल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तक पहुंच चुकी है। इस मुद्दे पर जल्द ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दिव्यांगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बडा फैसला ले सकती है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जल्द ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दिव्यांगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बडा फैसला ले सकती है।
पंचायतीराज और निकाय चुनावों में 4 प्रतिशत आरक्षण के मसले को लेकर मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने सहमति जताई है,उनका कहना है कि सरकार दिव्यांगों को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और इस संबंध में फाइल मुख्यमंत्री तक भेजी जा चुकी है।
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उन्होंने कहा कि सीएम स्तर पर ही इस संबंध में फैसला होगा। आरक्षण के मसले पर कानून संबंधी निर्णय लेकर सरकार जल्द इस पर कोई फैसला लेगी।
बता दें कि राजस्थान में लगातार दिव्यांगों के लिए चुनाव में आरक्षण की मांग उठती रही है, गहलोत सरकार में भी उन्होंने सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था। हालांकि इस मामले में ज्यादा बात बनी नहीं और मुद्दा फाइलों में अटक कर रह गया। लेकिन इस बार अधिकारियों,मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक फाइल जिस तेजी से दौड़ रही है उससे तो यही लग रहा है कि शायद इस बार वसुंधरा सरकार विधानसभा चुनावों से पहले दिव्यांगों को आरक्षण दे सकती है।
गौरतलब है कि वसुंधरा सरकार का ये कदम उन्हे एक बार फिर से सत्ता में आने का मौका दे सकता है। 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में करीब 16 लाख दिव्यांग रहते है। परिवार में एक दिव्यांग होने से उसके माता पिता और भाई बहन समेत कम से कम 4 लोग प्रभावित होते है। इस तरह प्रभावित लोगों का आंकड़ा करीब 80 लाख हो जाता है।
इससे पहले विकलांग अधिकार महासंघ लगातार 9 सालों से आरक्षण का मुद्दा उठाता आ रहा है, लेकिन इससे पहले फाइले इतनी तेजी से आगे नहीं बढी। अब मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है जिसमें जल्द ही कोई बड़ा फैसला होने के आासार है।
इस मुद्दे पर विकलांग अधिकार संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमन्त गोयल का कहना है कि दिव्यांगों को चुनावों में आरक्षण मिलने से उन्हें मजबूती मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में दिव्यांग आज भी पिछड़ा हुआ है, उसे सबंध प्रदान करने के लिए अग्रिम पंक्ति में लाने के लिए दिव्यांगों को पंचायत और निकाय चुनावों में आरक्षण का लाभ मिलना ही चाहिए।