GDP के बहाने राहुल गांधी का मोदी-जेटली पर तंज, कहा- मिला 'सकल विभाजनकारी राजनीति'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को आर्थिक मोर्चे पर विफल बताते हुए तंज कसे।
highlights
- राहुल का तंज, मोदी-जेटली की जोड़ी ने भारत को ग्रॉस डिवाइसिव पॉलिटिक्स दी
- कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, देश में नया निवेश पिछले 13 सालों से सबसे निचले स्तर पर है
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को आर्थिक मोर्चे पर विफल बताते हुए तंज कसे।
उन्होंने कहा कि मोदी-जेटली की बेहतरीन जोड़ी ने भारत को 'ग्रॉस डिवाइसिव पॉलिटिक्स'-जीडीपी (सकल विभाजनकारी राजनीति) दी है। राहुल ने ट्विट कर आर्थिक डाटा साझा किया।
उन्होंने कहा, 'देश में नया निवेश पिछले 13 सालों से सबसे निचले स्तर पर है। बैंक क्रेडिट ग्रोथ 63 साल के निचले स्तर पर चली गई है। इसके अलावा रोजगार निर्माण पिछले आठ सालों के सबसे निम्नतम स्तर पर है तो कृषि सेक्टर 1.7 फीसदी तक नीचे गिर गई है।'
उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा 8 सालों के सबसे निचले स्तर पर है।
हाल ही में कांग्रेस की कमान संभालने वाले राहुल ने शुक्रवार को लोकपाल को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा, बीत गए चार साल, नहीं आया लोकपाल, जनता पूछे एक सवाल, कब तक बजाओगे 'झूठी ताल'?
बीत गए चार साल
नहीं आया लोकपाल
जनता पूछे एक सवाल
कब तक बजाओगे 'झूठी ताल'?
Are the ‘defenders of democracy’ & ‘harbingers of accountability’ listening?#FindingLokpal pic.twitter.com/v9Kc2Io3Ur
आपको बता दें कि अन्ना आंदोलन के आगे झुकते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2013 में लोकपाल कानून को मंजूरी दी थी।
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हालांकि अब तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो पाई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने वादा किया था कि सरकार बनने के बाद वह लोकपाल की नियुक्ति करेगी।
लोकपाल के मौजूदा स्वरूप को लागू करने में सबसे बड़ा रोड़ा लोकपाल की नियुक्ति करने वाली चयन समिति में नेता प्रतिपक्ष को शामिल करने को लेकर माना जा रहा है। आपको बता दे कि लोकसभा में आधिकारिक तौर पर कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है।
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