प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब राहुल गांधी ने किया कांग्रेस में वंशवाद पर कड़ा प्रहार
शनिवार को CWC की बैठक में राहुल गांधी ने कमजोर प्रदर्शन के चलते इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसे सदस्यों ने अस्वीकार कर दिया.
highlights
- बेटों को टिकट दिलाने की पैरवी करने वाले नेताओं से चिढ़े राहुल
- CWC की बैठक में राहुल गांधी ने खुलकर जाहिर की नाराजगी
- बोले, बेटों को जिताने के चक्कर में अन्य क्षेत्रों में नहीं गए वरिष्ठ नेता
नई दिल्ली:
एक दिन पहले हुई कांग्रेस कार्यसमित की बैठक की खबरें अब छनकर बाहर आ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई वरिष्ठ नेताओं से काफी नाराज रहे. बैठक में राहुल गांधी ने खुलकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की. बैठक में राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की, जिसे CWC के सदस्यों ने ठुकरा दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नाराजगी उन नेताओं से अधिक थी, जिन्होंने अपने बेटों को टिकट दिलवाया था. राहुल गांधी का कहना था उन नेताओं ने बेटों को जिताने के लिए जी-तोड़ मेहनत की और बाकी क्षेत्रों में उनका ध्यान कम गया, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा. हालांकि इस दौरान राहुल गांधी ने किसी वरिष्ठ नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की तरफ था. इन्हीं नेताओं के बेटों को कांग्रेस ने टिकट दिया था.
बैठक में राहुल गांधी ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में खराब प्रदर्शन को लेकर भी नाराजगी जताई. बता दें कि इन राज्यों मे पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था. राहुल ने कहा कि इन राज्यों के नेता राफेल और 'चौकीदार चोर है' जैसे अहम मुद्दों को लोगों के बीच ले जाने में नाकाम रहे, जिसके कारण कांग्रेस का प्लान फेल हो गया.
बता दें कि शनिवार को CWC की बैठक में राहुल गांधी ने कमजोर प्रदर्शन के चलते इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसे सदस्यों ने अस्वीकार कर दिया. वर्किंग कमेटी ने कहा कि विपरीत हालात में कांग्रेस को राहुल गांधी के मार्गदर्शन की जरूरत है. इसके बाद राहुल गांधी तो कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे लेकिन कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने राहुल से कहा है कि वो पार्टी के संगठन में बड़े बदलाव के लिए जो भी कदम उठाना चाहें तो उठा सकते हैं.
आपको यह भी बता दें कि 5 साल पहले भी जब कांग्रेस ने अपना न्यूनतम प्रदर्शन किया था, तब भी कार्यसमित की बैठक में ठीक वैसा ही हुआ था, जैसा इस बार हुआ था. तब भी कहा गया था कि हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी, जिसे सदस्यों ने नामंजूर कर दिया.