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पानी बंटवारे पर बादल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानने से किया इनकार, कहा एक बूंद पानी भी नहीं देंगे

सतलज यमुना नहर निर्माण मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हरियाणा के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया है।

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Nov 2016, 10:02:17 PM (IST)

New Delhi:

सतलज यमुना नहर निर्माण मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हरियाणा के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया है। पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार किसी भी कीमत पर सतलज यमुना नहर का निर्माण नहीं होने देंगे।

बादल ने कहा कि पंजाब मंत्रिमंडल ने साफ कर दिया है कि पंजाब की नदियों से एक बूंद पानी भी बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। बादल ने कहा, 'सतलज यमुना लिंक नहर परियोजना पर एक ईंट भी नहीं रखी जाएगी।'

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा, 'जहां तक कानूनी विकल्पों का सवाल है तो हम इस मामले में वकीलों से सलाह लेंगे कि क्या कुछ किया जा सकता है।'

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पंजाब सरकार के मानने से मना किए जाने के बाद राज्य में संवैधानिक संकट गहरा गया है। प्रकाश सिंह बादल ने कहा, 'पंजाब का पानी नहीं जाएगा, नहीं जाएगा, नहीं जाएगा।'

#WATCH: Punjab CM Parkash Singh Badal says "in a nutshell, all I can say is "Punjab ka paani nahin jaayga, nahin jaayga, nahin jaayga" #SYL pic.twitter.com/Dl2RLw2lWA

— ANI (@ANI_news) November 10, 2016

बादल ने कहा कि हम पंजाब के लोगों को आश्वासन देना चाहते हैं कि केवल हम ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के विधायकों और सांसद अमरिंदर सिंह के इस्तीफे को ड्रामा करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारा मुख्य मकसद पानी को नहीं जाने देना है और हम इसके लिए कुछ भी करेंगे।'

 

Want to assure people of Punjab that only we can do this, and resignation in Congress is just a drama: Punjab CM Parkash Singh Badal #SYL pic.twitter.com/Am0vIPccQ8

— ANI (@ANI_news) November 10, 2016

सुप्रीम कोर्ट ने सतलुज यमुना लिंक नहर पर निर्माण कार्य को जारी रखने का फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले तुरंत बाद इस मसले को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई थी। बादल की अगुवाई में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि इस मसले को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अपील की जाएगी। बादल सरकार ने पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र 16 नवंबर को बुलाया गया है।