RTI: पुलवामा अटैक में जान गंवाने वालों को शहीद का दर्जा मिला या नहीं, सरकार नहीं बता रही
पुलवामा हमले के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन सीआरपीएफ के महानिदेशक कार्यालय में RTI (सूचना का अधिकार) के तहत सूचना मांगी गई थी, लेकिन वहां से कुछ भी जानकारी नहीं दी गई.
नई दिल्ली:
पूरा देश आज पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) की बरसी मना रहा है. देश भर में शोकसभाएं आयोजित की जा रही हैं और जवानों के सर्वोच्च शहादत को याद किया जा रहा है. हालांकि जान गंवाने वाले जवानों को शहीद का दर्जा मिला कि नहीं, इस बारे में मोदी सरकार कुछ भी बताने से इनकार कर रही है. पुलवामा हमले के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन सीआरपीएफ के महानिदेशक कार्यालय में RTI (सूचना का अधिकार) के तहत सूचना मांगी गई थी, लेकिन वहां से कुछ भी जानकारी नहीं दी गई. यहां तक कि शहीदों के नाम भी नहीं बताए गए. सरकार पुलवामा कांड की जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं कर रही है. पिछले वर्ष आज ही के दिन 14 फरवरी को पूरे देश को हिला देने वाले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान अपना सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं.
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लोकसभा चुनाव से पहले 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुई बड़ी आतंकी घटना से पूरा देश सिहर उठा था. 9 जनवरी व 10 जनवरी 2020 को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन सीआरपीएफ के महानिदेशक को दो अलग-अलग RTI भेजकर कुल पांच बिन्दुओं की सूचनाएं मांगी गई थीं.
सीआरपीएफ महानिदेशालय के डीआईजी (प्रशासन) एवं जन सूचना अधिकारी राकेश सेठी ने मांगी गई सूचना देने से इन्कार कर दिया. इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा, आरटीआई एक्ट-2005 के अध्याय-6 के पैरा-24(1) के प्रावधानों अनुसार सीआरपीएफ को भ्रष्टाचार व मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों को छोडक़र अन्य किसी भी प्रकार की सूचना देने से मुक्त रखा गया है.
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RTI के तहत ये मांगी गई थीं सूचनाएं
- पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के सभी जवानों के नाम, पदनाम की सूची
- इन शहीदों के परिजनों को भारत सरकार द्वारा दी गई समस्त आर्थिक सहायता का ब्यौरा
- पुलवामा आतंकी हमले की जांच रिपोर्ट की कॉपी
- जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों की सूची
- पुलवामा हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों को भारत सरकार शहीद मानती है या नहीं.
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14 फ़रवरी को क्या हुआ था?
- 14 फ़रवरी को दोपहर 3:33 बजे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमला किया, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
- इस फिदायीन हमले में कार बम का इस्तेमाल किया गया था. आतंकियों ने हमले के लिए 80 किलो हाईग्रेड RDX का इस्तेमाल किया था.
- CRPF के काफिले में कुल 78 बसें शामिल थीं, जिसमें से 5वें नंबर की बस HR49F 0637 को निशाना बनाया गया था.