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Pranab Mukherjee Dies: राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुख, नम आंखों से कही ये बड़ी बात

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को दिल्ली के सैन्य अस्पताल में निधन हो गया. यह जानकारी उनके पुत्र अभिजीत ने दी. मुखर्जी 84 वर्ष के थे.

News Nation Bureau
| Edited By :
31 Aug 2020, 07:40:41 PM (IST)

नई दिल्‍ली:

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को दिल्ली के सैन्य अस्पताल में निधन हो गया. यह जानकारी उनके पुत्र अभिजीत ने दी. मुखर्जी 84 वर्ष के थे. मुखर्जी को गत 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज सुबह जारी एक स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया कि वह गहरे कोमा में हैं और उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है. अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया कि भारी मन से आपको सूचित करना है कि मेरे पिता प्रणब मुखर्जी का अभी कुछ समय पहले निधन हो गया. आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं.

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया. प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा- पूरा देश प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुखी है, वह एक स्टेट्समैन थे. जिन्होंने राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के हर तबके की सेवा की है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में योगदान दिया. वह एक शानदार सांसद थे, जो पूरी तैयारी के साथ जवाब देते थे.

राष्ट्रपति समेत कई दिग्गजों ने श्रद्धांजलि दी

प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी श्रद्धांजलि दी. रामनाथ कोविंद ने अपने ट्वीट में लिखा है कि प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. उनका जाना एक युग का अंत है. उन्होंने देश की सेवा की, आज उनके जाने पर पूरा देश दुखी है.

असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था। 5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे।

— President of India (@rashtrapatibhvn) August 31, 2020

रामनाथ कोविंद ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा- असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था. 5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे. अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट में लिखा- भारत के प्रथम नागरिक के रूप में, उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने के सजग प्रयास किए. उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए. राष्ट्रपति के लिए 'महामहिम' शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है.

पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।

— President of India (@rashtrapatibhvn) August 31, 2020

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि देश के हर तबके का प्रणब मुखर्जी को सम्मान प्राप्त था. उनका निधन निजी क्षति है, जिनके पास सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र का ज्ञान था. राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि प्रणब मुखर्जी का जीवन बेहद साधारण था, उन्होंने इसी तरह देश की सेवा की.

पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को दिल्ली छावनी स्थित अस्पताल में गत 10 अगस्त को भर्ती कराया गया था और उसी दिन उनके मस्तिष्क में जमे खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी सर्जरी की गई थी. मुखर्जी को बाद में फेफड़े में संक्रमण हो गया. मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे.