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पीएम मोदी का मनीष तिवारी पर तंज- हां, ये सच है कि हम भगवान की कृपा से बच गए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को लोकसभा (Loksabha) में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आभार व्यक्त हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (Manish Tewari) के बयान पर पलटवार किया.

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Feb 2021, 05:16:16 PM (IST)

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को लोकसभा (Loksabha) में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आभार व्यक्त हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (Congress Leader Manish Tewari) के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि ये भगवान की कृपा थी कि दुनिया हिल गई और हम बच गए. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये भगवान की ही कृपा है कि इतनी बड़ी दुनिया हिल गई लेकिन हम बच गए, क्योंकि डॉक्टर-नर्स भगवान का रूप बनकर आए. सफाई कामदार के रूप में भगवान आए. वो एंबलेंस का चालक भगवान के रूप में आया था और इसलिए ये भगवान का ही रूप था कि भारत ने आठ महीने तक लोगों को राशन पहुंचाया. ये भारत ही था कि हमने जनधन और आधार के माध्यम से लाखों लोगों के खाते में पैसा पहुंचाया. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आगे कहा कि एक अंजाने दुश्मन के खिलाफ लड़ना आसान नहीं था. हमें 130 करोड़ भारतीयों के अनुशासन और समर्पण ने बचाकर रखा. इसका गौरवगान हमें करना चाहिए. हमें भारत की पहचान बनाने के लिए इसे आगे बढ़ाना होगा, क्योंकि आप अगर अपने बच्चे को घर में स्वीकार नहीं करेंगे तो बाहर के लोग भी स्वीकार नहीं करेंगे.

पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना (Corona Virus), लॉकडाउन, कर्फ्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए, लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है. यही भारत है जिसने जनधन, आधार और मोबाइल के द्वारा 2 लाख करोड़ रुपये इस कालखंड में लोगों तक पहुंचा दिया.

कोरोना कालखंड में जनधन खाते, आधार, ये सभी गरीब के काम आए, लेकिन कभी-कभी सोचते हैं कि आधार को रोकने के लिए कौन लोग सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे में गए थे? इस कालखंड में भी हमने रिफॉर्म का सिलसिला जारी रखा है. हम इस इरादे से चले हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हमें नए कदम उठाने होंगे. और हमने पहले दिन से ही कई कदम उठाए हैं.