.

डॉक्टरों के बलिदान को नमन कर पीएम मोदी ने कही ये 5 बड़ी बातें

डॉक्टर डे के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को देशभर के डॉक्टरों को संबोधित किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डॉक्टर्स को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाता है तो ऐसे ही नहीं कहा जाता है.

News Nation Bureau
| Edited By :
01 Jul 2021, 04:19:11 PM (IST)

highlights

  • हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 
  • IMA की ओर से आयोजित कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया संबोधित
  • योग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बहुत आगे आए हैं मेडिकल फ्रेटर्निटी के लोग

नई दिल्ली:

डॉक्टर डे के मौके (Doctors Day) पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को देशभर के डॉक्टरों को संबोधित किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डॉक्टर्स को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाता है तो ऐसे ही नहीं कहा जाता है. कितने ही लोग ऐसे होंगे जिनका जीवन किसी संकट में पड़ा होगा, किसी बीमारी या दुर्घटना का शिकार हुआ होगा, या फिर कई बार हमें ऐसा लगने लगता है कि क्या हम किसी हमारे अपने को खो देंगे? ये पुण्य कार्य करते हुए देश के कई डॉक्टर्स ने अपना जीवन भी न्योछावर कर दिया. मैं उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने डॉक्टरों को लेकर ये 5 बड़ी बातें कही हैं. 

आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में गुरुवार को चिकित्सक दिवस मनाया जा रहा है. राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस हर साल 1 जुलाई को उन डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने लोगों की जरूरत के समय नि:स्वार्थ रूप से सहायता की और अपने रोगियों के स्वास्थ्य के लिए अथक प्रयास किया. 

यह भी पढ़ें : Doctors Day पर PM मोदी बोले- ईश्वर का दूसरा रूप कहलाते हैं डॉक्टर्स

  1. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब देश कोरोना से इतनी बड़ी जंग लड़ रहा है तो डॉक्टर्स ने दिन रात मेहनत करके, लाखों लोगों का जीवन बचाया है.
  2. इस साल हेल्थ सेक्टर के लिए बजट का Allocation दोगुने से भी ज्यादा यानी दो लाख करोड रुपये से भी अधिक किया गया. 
  3. अब हम ऐसे क्षेत्रों में Health Infrastructure को मजबूत करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की एक Credit Guarantee Scheme लेकर आए हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है.
  4. 2014 तक जहां देश में केवल 6 एम्स थे, इन 7 सालों में 15 नए एम्स का काम शुरू हुआ है. मेडिकल कॉलेजेज़ की संख्या भी करीब डेढ़ गुना बढ़ी है. 
  5. मेडिकल फ्रेटर्निटी के लोग, योग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बहुत आगे आए हैं. योग को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए जो काम आजादी के बाद पिछली शताब्दी में किया जाना चाहिए था, वो अब हो रहा है.