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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के बीच उमर अब्दुल्ला को सराहा, जानें क्या है मामला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Umar Abdullah) ने अपने एक रिश्तेदार के निधन पर लोगों से आग्रह किया कि वे शोक जताने न आएं, बल्कि अपने घर से ही मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें.

News State | Edited By :
30 Mar 2020, 01:50:02 PM (IST)

highlights

  • जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के चाचा का इंतकाल.
  • उन्होंने ट्वीट कर लोगों से कब्रिस्तान में भीड़ नहीं लगाने को कहा.
  • इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त कर उन्हें सराहा.

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Umar Abdullah) ने अपने एक रिश्तेदार के निधन पर लोगों से आग्रह किया कि वे शोक जताने न आएं, बल्कि अपने घर से ही मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उमर के इस कदम की सोमवार को सराहना की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की. गौरतलब है कि रविवार को अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस (Corona Virus) से जंग में लॉकडाउन (lockdown) की अहमियत बताते हुए मंगलवार रात लगाए गए अचानक लॉकडाउन से लोगों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगी थी.

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पीएम ने जताया दुख
सोमवार को उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'उमर अब्दुल्ला जी आपके और पूरे परिवार के प्रति मेरी संवेदना है. उनकी (आपके परिजन की) आत्मा को शांति मिले. दुख की इस घड़ी में शोकसभा में इकट्ठा न होने का आपका आह्वान सराहनीय है. यह कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को और मजबूत करेगा.' अब्दुल्ला ने रविवार को ट्वीट में जानकारी साझा कर कहा कि उनके चाचा मोहम्मद अली मट्टू का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है.

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उमर के चचा का हुआ इंतकाल
उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा, 'इस कठिन समय में परिवार सभी से अपील करता है कि आप सभी उनके निवास स्थान या कब्रिस्तान में इकट्ठा न होने के दिशानिर्देशों का सम्मान करें. आप अपने घरों से ही उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें.' गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद से उमर अब्दुल्ला को सरकार ने हिरासत में रख रखा था. उन्हें 23 मार्च को रिहा किया गया है. वहीं, 23 मार्च मध्यरात्रि के बाद से देशव्यापी लॉकडाउन लागू है.