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Mann Ki Baat: पीएम मोदी बोले- भारत के इस प्रस्ताव को 70 से ज्यादा देशों का मिला समर्थन 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को देशवासियों के साथ मन की बात की है. मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि अगस्त के इस महीने में, आप सभी के पत्रों, संदेशों और कार्ड ने, मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
28 Aug 2022, 11:49:02 AM (IST)

highlights

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के साथ मन की बात की
  • आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वालों की कहानी 'स्वराज' को जरूर देखें
  • पहाड़ों पर रहने वाले लोगों के जीवन से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं : PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को देशवासियों के साथ मन की बात की है. मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि अगस्त के इस महीने में, आप सभी के पत्रों, संदेशों और कार्ड ने, मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया है. मुझे ऐसा शायद ही कोई पत्र मिला हो, जिस पर तिरंगा न हो, या तिरंगे और आजादी से जुड़ी बात न हो. उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं, एक चेतना की अनुभूति हुई है. इतना बड़ा देश, इतनी विविधताएं, लेकिन जब बात तिरंगा फहराने की आई, तो हर कोई, एक ही भावना में बहता दिखाई दिया.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव के ये रंग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले. बोत्स्वाना में वहां के रहने वाले स्थानीय गायक ने भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाए. आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले अनसुने नायक-नायिकाओं की कहानी है 'स्वराज'. दूरदर्शन पर हर रविवार 'स्वराज' का रात 9 बजे प्रसारण होगा जो 75 सप्ताह तक चलने वाला है. मेरा आग्रह है कि आप इसे खुद भी देखें और अपने बच्चों को भी जरूर दिखाएं.

उन्होंने कहा कि 'मन की बात' में ही चार महीने पहले मैंने अमृत महोत्सव की बात की थी. उसके बाद अलग-अलग जिलों में स्थानीय प्रशासन जुटा, स्वयं सेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग जुटे, देखते ही देखते अमृत सरोवर का निर्माण एक जन आंदोलन बन गया है. असम के बोंगई गांव में एक दिलचस्प परियोजना चलाई जा रही है, वो है- प्रोजेक्ट संपूर्णा. इस प्रोजेक्ट का मकसद है कुपोषण के खिलाफ लड़ाई और इस लड़ाई का तरीका भी बहुत यूनिक है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि United Nations ने एक प्रस्ताव पारित कर वर्ष 2023 को International Year of Millets घोषित किया है. आपको ये जानकर भी बहुत खुशी होगी कि भारत के इस प्रस्ताव को 70 से ज्यादा देशों का समर्थन मिला था. आज दुनिया भर में, इसी मोटे अनाज का, Millets का, Craze बढ़ता जा रहा है. Millets, मोटे अनाज, प्राचीन काल से ही हमारे Agriculture, Culture और Civilisation का हिस्सा रहे हैं. हमारे वेदों में  Millets का उल्लेख मिलता है, और इसी तरह, पुराणनुरू और तोल्काप्पियम में भी, इसके बारे में, बताया गया है.

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उन्होंने कहा कि भारत, विश्व में, Millets का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, इसलिए इस पहल को सफल बनाने की बड़ी जिम्मेदारी भी हम भारत-वासियों के कंधे पर ही है. हम सबको मिलकर इसे जन-आंदोलन बनाना है, और देश के लोगों में Millets के प्रति जागरूकता भी बढ़ानी है. मेरा, अपने किसान भाई-बहनों से, यही आग्रह है कि, Millets, यानी मोटे अनाज को, अधिक-से-अधिक अपनाएं और इसका फायदा उठाएं.

मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले, मैंने, अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में जोरसिंग गांव की एक खबर देखी. ये खबर एक ऐसे बदलाव के बारे में थी, जिसका इंतजार, इस गांव के लोगों को, कई वर्षों से था. दरअसल, जोरसिंग गांव में इसी महीने, स्वतंत्रता दिवस के दिन से 4G internet की सेवाएं शुरू हो गई हैं. पहाड़ों पर रहने वाले लोगों के जीवन से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं.

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उन्होंने आगे कहा कि पहाड़ों की जीवनशैली और संस्कृति से हमें पहला पाठ तो यही मिलता है कि हम परिस्थितियों के दबाव में ना आएं तो आसानी से उन पर विजय भी प्राप्त कर सकते हैं, और दूसरा, हम कैसे स्थानीय संसाधनों से आत्मनिर्भर बन सकते हैं. प्रधानमंत्री जनधन खाते बने गरीबों के आर्थिक सशक्तिकरण की कुंजी. जनधन योजना के तहत पिछले 8 वर्ष में 46.30 करोड़ खाते खोले गए.