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PM मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा की दी शुभकामनाएं, श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

आज पूरी दुनिया में करीब 180 करोड़ बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और यह बौद्ध जनसंख्या विश्व की आबादी का 25 फीसदी हिस्सा है।

News Nation Bureau
| Edited By :
10 May 2017, 01:00:55 PM (IST)

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध हमें 'सौहार्दपूर्ण समाज' बनाने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पटना में पूजा की। श्रद्धालुओं ने इलाहाबाद में आस्था की डुबकी लगाई।

मोदी ने कहा, 'बुद्ध पूर्णिमा की सभी को शुभकामनाएं। आज के दिन हम गौतम बुद्ध के अनुकरणीय आदर्शों को याद करते हैं। उनके महान विचार आगामी पीढ़ियों का भी मार्गदर्शन करते रहेंगे।'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'गौतम बुद्ध हमें सौहार्दपूर्ण, न्यायपूर्ण और दयालु समाज के प्रति काम करने के लिए प्रेरित करते हैं।

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पटना में बुद्ध जयंती पर पूजा की।

Bihar CM Nitish Kumar offers prayers on Buddha Jayanti, in Patna pic.twitter.com/vd5zysiGEQ

— ANI (@ANI_news) May 10, 2017

इलाहाबाद में श्रद्धालुओं ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।

Allahabad: Devotees take holy dip in river Ganga on the occasion of Buddha Poornima pic.twitter.com/7bZkNVcbWF

— ANI UP (@ANINewsUP) May 10, 2017

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भगवान बुद्ध के विचार को हम जल्द ही स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे, क्योंकि यह एक अच्छा इंसान बनाती है। शिक्षा का मतलब केवल रोजगार पाना नहीं है।

गौतम बुद्ध (जन्म 563 ईसा पूर्व-निर्वाण 483 ईसा पूर्व) विश्व महान दार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरू और उच्च कोटी के समाज सुधारक थे। बुद्ध प्राचीनतम धर्मों में से एक महान बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर मे हुआ था। उनकी मां का नाम महामाया था, जिनका सात दिन बाद निधन हुआ और उनका पालन महाप्रजापती गौतमी ने किया।

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पत्नी और बेटे को छोड़ दिया था

सिद्धार्थ शादी के बाद अपनी पत्नी और बेटे को छोड़कर संसार को दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश में निकल पड़े थे। सालों की कठोर साधना के बाद बोध गया (बिहार) में बोधी वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए।

बुद्ध पूर्णिमा पर कैसे करें पूजन

अलग-अलग देशों में वहां के रीति-रिवाज से पूजन होता है। इस दिन घरों को फूलों से सजाया जाता है और दीप जलाए जाते हैं। धर्मग्रंथों का लगातार पाठ करने के बाद बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है। वृक्ष की जड़ में दूध और सुगंधित पानी डालते हैं और दीपक जलाते हैं।

आज पूरी दुनिया में करीब 180 करोड़ बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और यह बौद्ध जनसंख्या विश्व की आबादी का 25 फीसदी हिस्सा है।

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