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प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया देश का पहला वॉर मेमोरियल, देखें तस्वीरें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (25 फरवरी) को राष्ट्रीय युद्ध स्मारकर देश को समर्पित कर दिया. इस समारोह में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, तीनों सेना के प्रमुख और पूर्व सैनिक मौजूद थे.

News Nation Bureau
| Edited By :
25 Feb 2019, 09:28:49 PM (IST)

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (25 फरवरी) को राष्ट्रीय युद्ध स्मारकर देश को समर्पित कर दिया. इस समारोह में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, तीनों सेना के प्रमुख और पूर्व सैनिक मौजूद थे. उद्घाटन से पहले सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर इसका उद्घाटन किया और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

इंडिया गेट के पास बने वॉर मेमोरियल देश के वीरों की शौर्यगाथाओं को संजोए हुए हैं. इस स्मारक में आजादी के बाद देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले 26,000 जवानों के नाम अंकित हैं. युद्ध स्मारक को 40 एकड़ में बनाया गया है. पहली बार 1960 में सशस्त्र बलों ने नेशनल वॉर मेमोरियल को बनाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसपर काम नहीं शुरू हुआ. लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद अक्टूबर 2015 में इस स्मारक निर्माण को मंजूरी दी गई. यानी 55 साल बाद इसे पूरा किया गया.

उद्घाटन समारोह से पहले पीएम मोदी ने पूर्व सैनिकों को संबोधित भी किया. पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन की मंजूरी दी. सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेटों और आधुनिक सैन्य साजो-सामानों मुहैया कराया.

उन्होंने कहा, 'देश की सेना को मजबूत करने के लिए हमारी सरकार आधुनिक सैन्य साजो-सामानों और हथियारों से लैस कर रही है. हाल ही में सरकार ने 72 हजार आधुनिक राइफलों की खरीदी का ऑर्डर दिया है. 25 हजार करोड़ रुपये के गोले-बारूद को मिशन मोड में खरीदा है. हमनें जवानों के लिए 2 लाख 30 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदे.

पीएम मोदी ने कहा, 'पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों का जीवन आसान बनाने के लिए अनेक कदम साढ़े 4 सालों में उठाए गए हैं. एक ऐसी सरकार आपके सामने है जिसे नामुमकिन को मुमकिन बनाना आता है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के लिए वह महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि देश की सभ्यता और उसका इतिहास अहम है.

मोदी याद रहे न रहे, परंतु इस देश के करोड़ों लोगों के त्याग, तपस्या, समर्पण, वीरता और उनकी शौर्यगाथा अजर-अमर रहनी ही चाहिए.