PM मोदी ने कला और परंपरा से जुड़े उपहारों को देकर समकक्षों का दिल जीता
पीएम नरेंद्र मोदी (PM MODI) की तीन दिवसीय यूरोप यात्रा चर्चा में रही है. यह यात्रा भारतीय संस्कृति, कला और परंपराओं के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन का भी साक्ष्य बना.
नई दिल्ली:
पीएम नरेंद्र मोदी (PM MODI) की तीन दिवसीय यूरोप यात्रा चर्चा में रही है. यह यात्रा भारतीय संस्कृति, कला और परंपराओं के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन का भी साक्ष्य बना. पीएम मोदी ने यात्रा के दौरान अपने समकक्षों को भारतीय कला और परंपराओं के प्रतीक के जुड़े उपहार दिए. दुनिया में ऐसी अद्भुत कला और परंपराएं कहीं और देखने के लिए नहीं मिलती हैं. फिनलैंड के पीएम को राजस्थान से ‘ट्री ऑफ लाइफ’ उपहार में दिया गया. ‘ट्री ऑफ लाइफ’ को दर्शाने वाली यह हाथ से तैयार की गई दीवार सजावटी कला-कृति पीतल से बनी है. यह जीवन के विकास का प्रतीक है. एक पेड़ की शाखाएं ऊपर की ओर बढ़ती और विकसित होती हैं.
डेनमार्क के एचआरएच क्राउन प्रिंस फ्रेडरिक को छत्तीसगढ़ की डोकरा नाव भेंट की. इसे ढोकरा भी कहा जाता है. ये धातु की ढलाई से बनी हुई है. मोम के जरिए होने वाली ढलाई तकनीक का इस्तेमाल भारत में करीब चार हजार सालों से किया जा रहा है.
सजावटी तलवारें, खंजर जैसे युद्ध के सामन जैसी वस्तुओं की सजावट के लिए विश्व प्रसिद्ध राजस्थान की कोफ्तगिरी कला के साथ वाली ढाल नॉर्वे के पीएम को भेंट की. यह एक पारंपरिक कला है, जिसका उपयोग पहले हथियारों और कवच को सजाने में होता था.
जम्मू कश्मीर की पश्मीना स्टोल गर्मजोशी, उत्साह और कला का बेहतरीन नमूना है और इसके साथ ही कागज की लुगदी से बना सजावटी बॉक्स इसे दुर्लभ बना देता है. यह खास कला प्रतीक स्वीडन के पीएम को उपहार में दिया गया.
गुजरात की रोगन पेंटिंग दुनिया भर में प्रसिद्ध है, यह उपहार एचएम क्वीन मार्गरेट को सौंपा गया. यह एक दुर्लभ परंपरा है, इसमें रोगन शब्द फारसी से आया है. इसका अर्थ है तेल. दरअसल तेल आधारित पेंट को कपड़े पर लगाने की प्रक्रिया से इसका निर्माण होता है. इसमें उबले हुए तेल और वनस्पति से तैयार रंगों से बने पेंट को धातु के ब्लॉक का उपयोग करते हुए कपड़े को सजाया जाता है.