जनरल रावत ने कहा, आतंक पर लगाम लगाए पाक, तभी संभव होगी शांति वार्ता
भारत के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता तभी हो सकती है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देना बंद कर दे।
नई दिल्ली:
भारत के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता तभी हो सकती है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देना बंद कर दे।
पश्चिमी क्षेत्र में भारत-पाक सीमा के पास थार के मरुस्थल में दक्षिणी कमान के अभ्यास का निरीक्षण करने आए थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की हरकतों से लगता नहीं है कि वो शांति चाहता है।
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करना बंद कर देना चाहिये... उसके बाद ही हम कह पाएंगे कि शांति वार्ता होनी चाहिये।
उन्होंने कहा, 'हम भी अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन जिस तरह की गतिविधियां (उनकी तरफ से) दिखाई दे रही हैं जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद फैल रहा है, उससे लगता नहीं है कि वो शांति नहीं चाहता है।'
उन्होंने कहा कि सेना, अर्धसैनिक बल और जम्मू-कश्मीर की पुलिस आतंकियों के खिलाफ सफलतापूर्वक कार्रवाई कर रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
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इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है लेकिन पाक को आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
रवीश कुमार ने कहा था, 'पाकिस्तान को हमारी मूल चिंताओं को समझना होगा, जो कि आतंकवाद है। हमने बार-बार उनसे उनकी जमीन से अपनी गतिविधि चला रहे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ये एक ऐसी जिस पर पाकिस्तान को काम करना होगा अगर वो सच में दोस्ती को बढ़ाना चाहते हैं।'
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने संबंधों को सुधारने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि बारत पाक संबंधों के सुधारने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों का वो समर्थन करेंगे।
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