मोदी सरकार के खिलाफ शुक्रवार को पेश होगा अविश्वास प्रस्ताव, कई पार्टियों ने जारी किया व्हिप
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
नई दिल्ली:
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और कहा कि चर्चा और वोटिंग शुक्रवार को होगी।
प्रश्नकाल के बाद मुद्दे पर महाजन ने कहा कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विश्वास की कमी व्यक्त करते हुए विपक्षी सांसदों के नोटिस प्राप्त हुए हैं और यह उनका कर्तव्य है कि वह इसे सदन में विचार के लिए रखें।
उन्होंने कहा कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के केसिनेनी श्रीनिवास पहले सांसद थे, जिन्होंने अविश्वास नोटिस दिया और उनसे इस प्रस्ताव को रखने के लिए कहा। प्रस्ताव को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और माकपा के पचास सांसदों का समर्थन है।
नोटिस स्वीकार करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तृणमुल कांग्रेस (टीएमसी) तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) समेत कई दलों ने व्हिप जारी कर अपने सासंदों को सदन में उपस्थित रहने को कहा है।
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महाजन ने कहा कि नोटिस को स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि वह निर्धारित 10 दिनों के भीतर इस प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग के लिए दिन और समय चिन्हित करेंगी।
जब दोपहर के भोजन के बाद सदन दोबारा से शुरू हुआ तो अध्यक्ष ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग 20 जुलाई को होगी। इस दिन प्रश्नकाल नहीं होगा।
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य दिनेश त्रिवेदी ने तिथि को बदलने का आग्रह करते हुए कहा कि पार्टी सांसदों को 21 जुलाई को कोलकाता में शहीद दिवस रैली में उपस्थित होना है और वे 20 जुलाई को बहस में शामिल नहीं हो पाएंगे।
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अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी उनका समर्थन किया। महाजन ने कहा कि उन्होंने तृणमूल सदस्य की चिंता पर संज्ञान लिया है।
संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि चर्चा के लिए समय और तिथि कार्य मंत्रणा समिति में तय की गई है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है, उन्हें चर्चा के लिए किसी भी समय तैयार रहना चाहिए।
इससे पहले कुमार ने कहा था कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार है।
कुमार ने कहा, 'चर्चा के बाद सभी चीजें साफ हो जाएंगी। मैं सदन में यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि देश के लोगों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में पूर्ण विश्वास है।'
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कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दिया था। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि उन्हें इस मामले में सभी नोटिस को एक समय में एक साथ लेना चाहिए था।
खड़गे और श्रीनिवास के अलावा कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारिक अनवर, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन और टीडीपी के थोटा नरसिम्हन ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था।