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केंद्र पर ओवैसी का हमला, संसद में पेगासस मुद्दे पर बहस से डरती है सरकार

एआएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर पेगासस मुद्दे पर बहस नहीं किए जाने को लेकर हमला बोला है. ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, केंद्र सरकार संसद में 'पेगासस जासूसी' मुद्दे पर बहस करने डर रही है.

News Nation Bureau
| Edited By :
01 Aug 2021, 04:50:20 PM (IST)

highlights

  • पेगासस मुद्दे को लेकर ओवैसी का केंद्र पर हमला
  • एक अगस्त को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस
  • ओवैसी बोले हम संसद चलाने को तैयार वो बहस तो करें

नई दिल्ली :

एआएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर पेगासस मुद्दे पर बहस नहीं किए जाने को लेकर हमला बोला है. ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, केंद्र सरकार संसद में 'पेगासस जासूसी' मुद्दे पर बहस करने डर रही है. उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार सरकार को किस बात का डर है इस मुद्दे पर बहस करने में.  ओवैसी ने आगे कहा कि आप 'पेगासस जासूसी' मुद्दे पर क्या छिपाना चाहते हैं? ओवैसी ने आगे कहा कि हम तो देश की संसद चलाने के लिए तैयार हैं, लेकिन केंद्र सरकार ऐसा नहीं करना चाहती है.  इस दौरान ओवैसी ने नाम लिए बिना कृषि कानूनों के बिल को लेकर भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, आप केवल बिल पास करना चाहते हैं. क्या यही लोकतंत्र है? हमें अपने विचार रखने का मौका नहीं मिल रहा है.

वहीं इसके पहले ओवैसी ने एक अगस्त को तीन तलाक कानून के दो साल पूरे होने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. आज यानी रविवार को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मना रही है. आज ही के दिन यानी 1 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने तीन तलाक या तलाके बिद्दत को कानूनी अपराध घोषित किया था. इस दौरान  AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक कानून को लेकर मोदी सरकार पर कटाक्ष किया है. ओवैसी ने कहा कि इस कानून से मुस्लिम महिलाओं का और अधिक शोषण होगा और उनकी समस्याओं में इजाफा होगा. उन्होंने कहा कि इससे जुड़े केवल मामले दर्ज किए जाएंगे और कोई न्याय नहीं दिया जाएगा. मुसलमानों ने इसे आधार को स्वीकार नहीं किया है. 

 

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तीन तलाक कानून को बताया असंवैधानिक
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह कानून (तीन तलाक) असंवैधानिक है और इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है. यह समानता के खिलाफ है, मुसलमानों को बदनाम करता है. ओवैसी ने पूछा कि क्या मोदी सरकार केवल मुस्लिम महिला (अधिकार) दिवस मनाएगी? हिंदू, दलित और ओबीसी महिलाओं के सशक्तिकरण के बारे में क्या? आपको बता दें कि इससे पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि एक अगस्त को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में मनाया जायेगा.

This law (triple talaq) is unconstitutional & has been challenged in SC. It's against equality, demonizes Muslims. Would Modi govt only celebrate Muslim Women (Rights) Day? What about the empowerment of Hindu, Dalit & OBC women?: AIMIM chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/lVecU6Hfpe

— ANI (@ANI) August 1, 2021

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मुस्लिम महिलाओं ने किया स्वागत
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 1 अगस्त 2019 के दिन तीन तलाक या तलाके बिद्दत को कानूनी अपराध घोषित किया था. नकवी के अनुसार, तीन तलाक के कानूनी अपराध बनाये जाने के बाद बड़े पैमाने पर तीन तलाक की घटनाओं में कमी आई है. देश भर की मुस्लिम महिलाओं ने इसका स्वागत किया है. 1 अगस्त को देश भर में विभिन्न संगठनों द्वारा मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मनाया जायेगा.

तीन तलाक को कानूनन अपराध
तीन तलाक को कानूनन अपराध बना कर मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के आत्म निर्भरता, आत्म सम्मान, आत्म विश्वास को पुख्ता कर उनके संवैधानिक-मौलिक-लोकतांत्रिक एवं समानता के अधिकारों को सुनिश्चित किया है. नई दिल्ली में मुस्लिम महिला अधिकार दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव उपस्थित रहेंगे.