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राष्ट्रपति चुनाव: विपक्ष 26 मई को तय करेगा अपना उम्मीदवार, NDA के खिलाफ बनेगा महागठबंधन भी

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर 26 मई को विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है। संसद के लाइब्रेरी बिल्डिंग में विपक्षी दलों की बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर फैसला लिया जाएगा।

News Nation Bureau
| Edited By :
24 May 2017, 08:58:30 AM (IST)

highlights

  • राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर 26 मई को विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है
  • संसद के लाइब्रेरी बिल्डिंग में विपक्षी दलों की बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर फैसला लिया जाएगा 
  • विपक्षी दलों की बैठक से अगले आम चुनाव के पहले विपक्षी दलों की एकजुटता की भी जमीन तैयार होने की उम्मीद है

New Delhi:

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर 26 मई को विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है। संसद के लाइब्रेरी बिल्डिंग में विपक्षी दलों की बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर फैसला लिया जाएगा। 

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की बैठक से अगले आम चुनाव के पहले विपक्षी दलों की एकजुटता की भी जमीन तैयार होने की उम्मीद है। 

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर विपक्षी दलों की बैठक वैसे समय में होने जा रही है, जब बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। 

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए ज्यादा मजबूत स्थिति में है। वहीं यूपीए इस चुनाव के जरिये विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगा हुआ है।

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी लगातार अन्य दलों के नेताओं से मिल रही हैं। राष्ट्रपति चुनाव के बहाने विपक्ष की एकजुटता को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ज्यादा सक्रिय है।

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लालू यादव 27 मई को पटना की रैली में विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं ममता बनर्जी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात कर चुकी हैं। लालू यादव और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस की बड़ी भूमिका को स्वीकार किए जाने का संकेत दे चुके हैं। 

जबकि कांग्रेस और आरजेडी की कोशिश राजनीतिक रूप से एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी सपा और बसपा को एकसाथ लाने की हैं। माना जा रहा है कि विपक्ष एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना से भी संपर्क साध सकती है। महाराष्ट्र चुनाव और नोटबंदी के बाद से शिव सेना लगातार बीजेपी को निशाने पर लेती रही है। एनडीए की सहयोगी होने के बावजूद शिव सेना नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष के मार्च में शामिल हुई थी।

इतना ही नहीं शिवसेना 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने को लेकर भी सवाल उठा चुकी है जबकि एनडीए ने सर्वसम्मति से मोदी के नेतृत्व में अगला आम चुनाव लड़े जाने का प्रस्ताव पास कर लिया है। 

नीतीश के प्रस्ताव के बाद तेज हुई हलचल

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दूसरा कार्यकाल दिए जाने को लेकर सहमति बनाने की अपील की थी।

हालांकि कांग्रेस ने अभी तक उनके दूसरे कार्यकाल को लेकर कुछ नहीं कहा है। वहीं मोदी सरकार ने न तो एनडीए उम्मीदवार के नाम का खुलासा किया है और नहीं मुखर्जी के दूसरे कार्यकाल को लेकर किसी तरह के संकेत दिए हैं।

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राष्ट्रपति उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने को लेकर बीजेपी के नैशनल प्रेसिडेंट अमित शाह संघ प्रमुख मोहन भागवत के नाम को पहले ही खारिज कर चुके हैं। शाह के मुताबिक अभी तक एनडीए ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर कोई फैसला नहीं किया है।

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